केरल के ‘मोपला विद्रोह’ के नाम पर सहस्रों हिन्‍दुआें का हत्‍याकांड करानेवाले हाजी अहमद पर आधारित ३ फिल्‍में बनाई जाएंगी !

भारत को अंतर्बाह्य, दोनों स्‍तरों पर तीसरा विश्‍वयुद्ध लडना है; इसलिए अभी से उसकी तैयारी करना आवश्‍यक !

‘आजकल चीन, पाकिस्‍तान, नेपाल और बांग्‍लादेश की ओर से भारतविरोधी गतिविधियां बढी हैं । शत्रु राष्‍ट्रों की शरारतों के कारण तीसरा विश्‍वयुद्ध कभी भी भडक सकता है, यह स्‍थिति है । इसके साथ ही भारत में धर्मांधों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियां और हिन्‍दुआें पर हो रहे अत्‍याचारों की घटनाएं भी बढी हैं । इस पूरी स्‍थिति को देखते हुए भविष्‍य में भारत को अंतर्बाह्य दोनों स्‍तरों पर तीसरा विश्‍वयुद्ध लडना पडेगा । इसके लिए भारत को अभी से उसकी तैयारी करना आवश्‍यक है !’
– (परात्‍पर गुरु) डॉ. आठवले

जिहादी विचारधारावाले राजनीतिक दल ‘सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ की प्रधानता !

 

  • केरल में जहां वामपंथी सत्ता में हैं, वहां इससे अलग और क्‍या होगा ? यह तो हिन्‍दुआें के घावों पर नमक छिडकने का ही कृत्‍य है !
  • आजकल भारत का ध्‍यान चीन की गतिविधियों पर है; परंतु ऐसे में भारत के धर्मांधों की इन हिन्‍दुविरोधी गतिविधियों पर भी सरकारी तंत्रों को समय रहते ही ध्‍यान देकर उन पर रोक लगानी चाहिए, अन्‍यथा भारत में आनेवाले समय में गृहयुद्ध जैसी स्‍थिति उत्‍पन्‍न हुई, तो उसमें आश्‍चर्य कैसा !

     तिरुवनंतपुरम् (केरल) – केरल के मलबार प्रांत में वर्ष १९२०-२१ में धर्मांधों ने ‘मोपला विद्रोह’ के नाम पर हिंसा करवाकर सहस्रों हिन्‍दुआें का सामूहिक हत्‍याकांड करवाया था । अगले वर्ष इस हत्‍याकांड को १०० वर्ष पूरे हो रहे हैं । इसके उपलक्ष्य में केरल में इस निर्मम हत्‍याकांड के लिए उत्तरदायी मोपला धर्मांधों के नेता वरियामकुनाथु अहमद हाजी के जीवन पर आधारित ३ फिल्‍मों का निर्माण किया जानेवाला है । केरल के ‘सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ के जिहादी विचारधारावाले राजनीतिक दल ने (‘एसडीपीआई’ के) कार्यकर्ता तथा नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरुद्ध आंदोलन चलानेवाले अबु ने वरियामकुनाथु अहमद हाजी के जीवन पर आधारित फिल्‍म बनाने की तैयारी की
है ।

मोपला विद्रोह का इतिहास

१. खिलाफत आंदोलन का समर्थन पहले विश्‍वयुद्ध के उपरांत अंग्रेजों ने तुर्किस्‍तान के खलीफा के सभी अधिकार छीन लिए थे । उसके विरोध के रूप में भारत के मुसलमानों ने ‘खिलाफत’ आंदोलन आरंभ किया ।
२. मलबार प्रांत में ‘इस्‍लामी राष्‍ट्र’ की घोषणा अली मुस्‍लियार एवं वी. अहमद हाजी की जोडी ने तब तत्‍कालीन मद्रास राज्‍य के मलबार प्रांत में ‘इस्‍लामी राष्‍ट्र’ स्‍थापित करने की घोषणा की और अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर कुछ प्रदेशों पर अपना नियंत्रण स्‍थापित किया । केवल ६ महीने के अंदर ही अंग्रेजों ने इस विद्रोह को तोड डाला ।
३. ‘इस्‍लामी राष्‍ट्र’ में हिन्‍दुआें का सामूहिक हत्‍याकांड और हिन्‍दू महिलाआें के साथ अनन्‍वित अत्‍याचार ६ महीने के इस इस्‍लामी कार्यकाल में इस क्षेत्र के हिन्‍दुआें का सामूहिक हत्‍याकांड किया गया और हिन्‍दू महिलाआें पर अनन्‍वित अत्‍याचार किए गए । तत्‍कालीन मलबार के उपजिलाधिकारी सी गोपालन नायर ने इस घटना का विस्‍तृत वर्णन किया था, तत्‍कालीन जिलाधिकारी आरएच एलिस ने उसकी पुष्‍टि की थी ।
४. हिन्‍दूद्वेषी वाममंथियों द्वारा इस हत्‍याकांड का ‘जमींदार और निर्धन जनता के मध्‍य का संघर्ष’ उल्लेख किया जाना हिन्‍दुआें का इतनी बडी संख्‍या में हुआ यह हत्‍याकांड भारत के इतिहास का सबसे बडा हत्‍याकांड माना जाता है; परंतु उस समय के वामपंथियों ने इस हत्‍याकांड को ‘जमींदार विरुद्ध निर्धन जनता के मध्‍य का संघर्ष’ कहा था ।
५. यह तो हिन्‍दुआें का धर्मांतरण ! स्‍वतंत्रता सेनानी केपी केशव मेनन ने इस घटना का वर्णन ‘हिन्‍दुआें के धर्मांतरण का कृत्‍य’ ऐसा कर ‘भारत के स्‍वतंत्रता संग्राम के साथ इसका कोई संबंध नहीं था’, ऐसा कहा है । (१.७.२०२०)

वी. अहमद हाजी को ‘स्‍वतंत्रतावीर’ दिखाने का प्रयास !

प्रसिद्ध इतिहास विशेषज्ञ प्रा. श्रीधर मेनन, प्रा सीआई इसाक तथा एमजीएम नारायणन के मतानुसार ‘मोपला विद्रोह’ हिन्‍दुआें के वंशविच्‍छेद का एक भाग था । उसी को धर्मांध ‘अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष’ नाम दे रहे हैं और इसके द्वारा वे इस फिल्‍म में विद्रोही नेता वरियामकुनाथु अहमद हाजी को ‘स्‍वतंत्रतावीर’ दिखाने का प्रयास कर रहे हैं ।