उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रामायण ग्रंथ भेंट में भेजा !

विस्तारवादी रावण की क्या स्थिति हुई ?, यही विस्तारवादी चीन को बताने का प्रयत्न !

देहरादून (उत्तराखंड) – उत्तराखंड के पर्यटनमंत्री सतपाल महाराज ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अंग्रेजी में अनुवादित रामायण ग्रंथ भेजा है ।

सतपाल महाराज ने कहा कि ‘गलवान घाटी में विस्तारवादी चीन के सैनिकों ने निःशस्त्र भारतीय सैनिकों पर आक्रमण किया था, वह निंदनीय है । जिनपिंग को रामायण भेजकर उन्हें बताना चाहता हूं कि उन्हें यह ध्यान में रखना चाहिए कि विस्तारवादी रावण की क्या स्थिति हुई थी ? वह कहते हैं कि मुझे आशा है कि जिनपिंग इससे उचित बोध लेंगे । भारत ने कभी भी विस्तारवादी भूमिका नहीं अपनाई है । भारत ने बांग्लादेश पर विजय प्राप्त करने के पश्‍चात उसपर अपना अधिकार छोड दिया था ।’ (बांग्लादेश के हिन्दुओं की आज की स्थिति को देखते हुए यह ध्यान में आता है कि वह भारत की मूर्खता थी । बांग्लादेश पहले भारत का ही भाग था । इसलिए उसे भारत में मिला लेना था । उसमें कहीं भी विस्तारवादी वृत्ति दिखाई नहीं देती; परंतु तथाकथित गांधीवादी भूमिका के कारण हिन्दू विरोधी निर्णय लिया गया । – संपादक)