चौबेपुर (उत्तर प्रदेश) के ८ पुलिसकर्मियों के हत्याकांड का प्रकरण
जनता को ऐसा लगता है कि अब उसे जीवनभर पालने की अपेक्षा उसके विरुद्ध तीव्रगति से न्यायालय में अभियोग चलाकर उसे फांसी का दंड मिले; इसके लिए योगी आदित्यनाथ सरकार को प्रयास करने चाहिए !
उज्जैन (मध्य प्रदेश) – चौबेपुर (उत्तर प्रदेश) के ८ पुलिसकर्मियों के हत्याकांड का प्रमुख आरोपी कुख्यात गुंडा विकास दुबे को यहां के श्री महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया । २ जुलाई की रात को पुलिसकर्मियोंपर आक्रमण कर विकास दुबे और उसके साथी भाग गए थे । उसके पश्चात पुलिस विभाग ने उसके ३ साथियों को मुठभेड में मार गिराया, तो अन्य २ लोगों को गिरफ्तार किया गया । विकास दुबे की जानकारी देनेवाले को पुलिस प्रशासन ने ५ लाख रुपए का पुरस्कार भी घोषित किया था । पिछले ७ दिन से पुलिस प्रशासन उसके पीछे पडा था । उसके लिए अन्य राज्यों के पुलिस बल की भी सहायता ली जा रही थी । २ जुलाई को विकास दुबे को पुलिसकर्मियों ने ही उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिसकर्मियों का दल आ रहा है, इसकी जानकारी दी थी । इन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है । विकास दुबे के विरुद्ध हत्या, अपहरण, रंगदारी, दंगा भडकाना जैसे ६० से भी अधिक अपराध प्रविष्ट है । अब दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के नियंत्रण में सौंपा जाएगा ।
१. उज्जैन के जिलाधिकारी आशीष सिंह द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार विकास दुबे जब श्रीमहाकाल मंदिर में जा रहा था, तब वहां के एक सुरक्षाकर्मी ने उसे पहचाना और पुलिस प्रशासन को उसकी जानकारी दी । उससे पूछताछ करनेपर उसने अपना परिचय स्पष्ट किया ।
(सौजन्य : CRUX)
२. इससे पूर्व विकास दुबे हरियाणा के फरीदाबाद स्थित एक होटल में दिखाई दिया था । तब हरियाणा पुलिस विभाग ने उस होटलपर छापेमारी कर वहां से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जब उससे अधिक पूछताछ करनेपर उसने बताया कि होटल में पुलिसकर्मियों के पहुंचने से पूर्व ही विकास दुबे होटल से भाग गया था ।
विकास दुबे की गिरफ्तारी अथवा आत्मसमर्पण ?
ऐसा बताया जा रहा है कि विकास दुबे को पुलिस प्रशासन ने गिरफ्तार नहीं किया है, अपितु उसने पुलिस प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण किया है । श्रीमहाकाल मंदिर परिसर में पहुंचनेपर उसने वहां के सुरक्षाकर्मी को स्वयं ही मैं कानपुर से पुलिसकर्मियों को मारकर भागा हुआ विकास दुबे हूं, ऐसा बताया । तत्पश्चात सुरक्षाकर्मी ने वहां उपस्थित पुलिसकर्मियों को इसकी जानकारी देनेपर पुलिस प्रशासन ने उसे अपने नियंत्रण में ले लिया । इस समय दुबे स्वयं ही ऊंची आवाज में चिल्लाते हुए, मैं विकास दुबे हूं ..कानपुरवाला, ऐसा बता रहा था । दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग अथवा अन्य राज्य के पुलिस विभाग द्वारा मुठभेड में मारे जाने का भय होने से उसने स्वयं ही पुलिस प्रशासन के सामने शरण ली, ऐसा बताया जा रहा है । इसके लिए उज्जैन के कुछ लोगों ने उसकी सहायता की है, यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है ।
Foresnic team conducted investigation at Bikaru village in Kanpur today, following encounter and arrest of gangster Vikas Dubey. pic.twitter.com/0fBV0RkwZo
— ANI UP (@ANINewsUP) July 9, 2020
यातायात बंदी में भी विकास दुबे का एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन कैसे ?
विकास दुबे उत्तर प्रदेश राज्य से हरियाणा पहुंच गया था और वहां से वह मध्य प्रदेश गया । देश में कोरोना संकट के कारण यातायात बंदी होते हुए भी वह एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए अनुमति की आवश्यकता होते हुए भी दुबे किस आधारपर एक राज्य से दूसरे और दूसरे से तीसरे राज्य में पहुंचा ?, यह प्रश्न उठाया जा रहा है ।