कानपुर (उत्तर प्रदेश) के ८ पुलिसवालों की हत्या का प्रकरण
दो और पुलिसकर्मी संदेह के घेरे में
- बाड ही खेत खा को गई, इस उक्ति को सार्थक करनेवाला पुलिस दल ! ऐसों की गहन पूछताछ कर उन्हें कठोर दंड दें !
- पुलिस दल में सेंध लगानेवाले ऐसे पुलिसकर्मी होकर भी पुलिस को पता कैसे नहीं चलता ? ऐसे निद्रिस्त पुलिसवाले क्या कभी जनता की रक्षा कर पाएंगे ?
- गुंडों को गोपनीय जानकारी देकर उन्हें सहायता करनेवाले पुलिसवालों से जनता को क्या कभी न्याय मिलेगा ?
कानपुर – यहां के ८ पुलिसकर्मियों की हत्या के प्रकरण में चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है, ऐसी जानकारी पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने दी है । तिवारी पर गुंडे विकास दुबे को पुलिस कार्रवाई की पूर्वसूचना देने का आरोप लगाया गया है ।
यहां हत्या का प्रयत्न करने के प्रकरण में आरोपी गुंडे विकास दुबे को बंदी बनाने के लिए कानपुर के चौबेपुर पुलिस थाने का पुलिस दल ३ जुलाई की रात बिकरू गांव में गया था । तब वहां घात लगाकर बैठे दुबे के गुंडों ने पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी की । उसमें ८ पुलिसकर्मी मारे गए । पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए आनेवाली है, यह जानकारी तिवारी ने दुबे को पहले ही दे दी थी । यह जानकारी तिवारी के दूर-चलभाष (मोबाईल) के विवरण से सामने आई है । उसी दिन शाम को पुलिस ने तिवारी से गहन पूछताछ की । उसमें उक्त जानकारी उजागर हुई है । तिवारी सहित एक पुलिस हवलदार और होमगार्ड भी संदेह के घेरे में है ।
( सौजन्य : ABP News )
विनय तिवारी ने दुबे के विरोध में शिकायत प्रविष्ट करने से किया था मना !
कुछ दिनों पूर्व गुंडे विकास दुबे के विरोध में शिकायत करने के लिए कुछ लोग चौबेपुर पुलिस थाने में आए थे; परंतु तिवारी ने दुबे के विरोध में शिकायत प्रविष्ट करने से मना कर दिया था । इसलिए अब पुलिस तिवारी पर ही प्राथमिकी प्रविष्ट करने की तैयारी में है ।
१२ लोग गिरफ्तार : दुबे फरार !
इस प्रकरण में पुलिस ने कुल १२ लोगों को गिरफ्तार किया है । तथापि इस घटना का मुख्य आरोपी दुबे अभी तक फरार ही है । उस दिन दुबे ने उक्त १२ लोगों से संपर्क किया था । इसलिए उनकी पूछताछ चल रही है ।