‘हिन्दू सेवा केंद्र’ की याचिकापर निर्णय
हिन्दुओं की यह भावना है कि न्यायालय द्वारा इस आदेश को अस्वीकार करने के साथ ही केरल सरकार को हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने का आदेश निकालने के लिए उन्हें दंडित भी करना चाहिए !
कोची (केरल) – केरल उच्च न्यायालय ने केरल राज्य सरकार को ‘मंदिरों के बरतन और दीपों की नीलामी नहीं करने का आदेश दिया है ।’ यहां के ‘हिन्दू सेवा केंद्र’ द्वारा प्रविष्ट याचिकापर न्यायालय ने यह आदेश दिया है । (हिन्दू धर्मपर हो रहे आघातों के विरुद्ध आवाज उठानेवाले ‘हिन्दू सेवा केंद्र’ का अभिनंदन ! अन्य हिन्दुत्वनिष्ठों को भी इससे बोध लेना चाहिए ! – संपादक) हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन ‘हिन्दू सेवा केंद्र’ के अधिवक्ता प्रथमेश विश्वनाथ ने ट्वीट कर यह जानकारी दी । उन्होंने अपने ट्वीट में यह चेतावनी भी दी है कि केरल की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट दल की सरकार हमारे मंदिरों को लूटने के लिए नए-नए मार्ग ढूंढ रही है; परंतु हम उन्हें अपने मंदिरों को हाथ भी लगाने नहीं देंगे । अधिवक्ता प्रथमेश विश्वनाथ केरल के प्रसिद्ध हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता हैं ।
Once again legal victory for @HinduSevaKendra against Communists.
High Court ordered not to auction lamps and utensils of Temples.Before High Court stayed it and today ordered not to sell it.
Communists are seeking one or other way to loot our Temples. Wont let them touch it. pic.twitter.com/YuI6oFD1rC
— Pratheesh Viswanath (@pratheesh_Hind) July 1, 2020
मुख्यमंत्री सहायता कोष को प्रत्येक मंदिर से १ लाख रुपए देने के निर्णयपर भी रोक लगाई
केरल उच्च न्यायालय ने ‘मलबार देवस्वम् बोर्ड’ के प्रत्येक मंदिर के कोष से मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए १ लाख रुपए और कर्मचारियों के वेतन के लिए कुछ धनराशि देने के निर्णयपर भी रोक लगाई है । ‘हिन्दू सेवा केंद्र’ ने इसके संदर्भ में भी न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी ।