उत्तरप्रदेश में मातृभाषा हिन्दी विषय में ८ लाख विद्यार्थी अनुत्तीर्ण !

देश के अधिकतर स्थानों पर मातृभाषा की उपेक्षा होकर अंग्रेजी को अधिक महत्त्व दिया जा रहा है । इसलिए यह परिस्थिति उत्पन्न हो गई है । इसलिए अंग्रेजी की गुलामी छोडकर मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए प्रयत्न करना आवश्यक है !

लक्ष्मणपुरी (उत्तरप्रदेश) – उत्तरप्रदेश के शिक्षा मंडल द्वारा ली गई माध्यमिक और अन्य परीक्षाओं के परिणाम घोषित हो चुके हैं तथा उसमें राज्य के ८ लाख विद्यार्थी मातृभाषा हिन्दी विषय में अनुत्तीर्ण हो गए हैं । गत वर्ष की तुलना में यह संख्या अल्प है । गत वर्ष ९ लाख ९८ सहस्र २५० विद्यार्थी हिन्दी विषय में अनुत्तीर्ण हुए थे ।

१. मंडल के अधिकारियों की जानकारी के अनुसार ‘इंटरमीडिएट’ के लगभग २ लाख ७० सहस्र विद्यार्थी हिन्दी विषय में अनुत्तीर्ण हुए हैं तथा माध्यमिक विद्यालयों के ५ लाख २८ सहस्र विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हुए हैं । लगभग २ लाख ३९ सहस्र विद्यार्थियों ने हिन्दी विषय की प्रश्‍न पत्रिका ही हल नहीं की है ।’

२. शिक्षा विशेषज्ञों के मतानुसार ‘इसके लिए शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक ये तीनों ही उत्तरदायी हैं । इनमें से एक भी हिन्दी भाषा के संबंध में गंभीर नहीं है । अभिभावकों को लगता है कि उनके बच्चे को अंग्रेजी की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए, उनके लिए हिन्दी सर्वाधिक कम पसंद की भाषा है ।’