वर्ष १९५२ में नेहरू द्वारा इस गांव को ‘चाईना जंक्शन’ बोलने से पडा था नाम
- देश के एक गांव को ६ दशकों से अधिक समय से दुश्मन देश के नाम से बोला जाता रहा है, स्वतंत्रता के पश्चात से लेकर अभीतक के सभी शासनकर्ताओं के लिए लज्जाजनक !
- केरल की राजनीति में स्वाभिमानशून्य वामपंथी एवं कांग्रेस की भरमार होने के कारण उनके द्वारा इस नाम को बदलने के लिए विरोध हुआ, तो उसमें आश्चर्य कैसा ?
पथानमिट्टा (केरल) – भारत-चीन सीमापर चीन द्वारा भारत के २० सैनिकों को मार डालने की पृष्ठभूमिपर यहां के ‘चाईना जंक्शन’ नाम के गांव के लोगों ने उनके गांव का चीनी नाम बदलने का निश्चय किया है ।
१. वर्ष १९५२ में नेहरू लोकसभा चुनाव प्रचार हेतु यहां आए थे, तब वहां के कार्यकर्ताओं ने हाथ में लाल ध्वज लेकर उनका स्वागत किया था, उसे देखकर नेहरू ने एक कार्यकर्ता से पूछा कि ‘यह चाईना जंक्शन तो नहीं न ?’ तब से इस गांव का नाम ‘चाईना जंक्शन’ (चाइना मुक्कू) पडा ।
२. यहां की ग्रामपंचायत के उपाध्यक्ष प्रवीण पलाविलायल ने २३ जून को ग्रामपंचायत में इस गांव का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा । इसपर ग्रामपंचायत अध्यक्षा एम्. रजनी ने स्पष्ट किया है कि ‘ग्रामपंचायत में इसके लिए एक प्रस्ताव बनाया जायगा और राज्य सरकार को यह सुझाव भेजा जाएगा ।’ इस ग्रामपंचायत में कांग्रेस नेतृत्व वाले ‘संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा’ का बहुमत है । कुल १८ सदस्यों में से १२ सदस्य ‘संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा’ के हैं, ५ सदस्य माकपा के, तो १ सदस्य निर्दलीय है । इसलिए अब इस गांव का नाम ‘नेहरू जंक्शन’, ‘भारत जंक्शन’ अथवा ‘जवान जंक्शन’ में से एक रखा जाएगा । (गांव का नाम ‘नेहरू जंक्शन’ रखना, परिवारवाद का उदात्तीकरण करना है । गांधी-नेहरू परिवार की हांजी-हांजी करनेवाली कांग्रेस को देश से भी बडा गांधी-नेहरू परिवार लगता है, इसमें आश्चर्य कैसा ? – संपादक)