नई देहली – गुप्तचर विभागों ने यह जानकारी दी है कि चीन भारत के विरुद्ध जैविक आक्रमण कर सकता है । अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण चीन भारतपर सीधे आक्रमण करना टालकर अन्य भारत विरोधी देशों के माध्यम से अथवा आतंकियों के माध्यम से जैविक आक्रमण कर सकता है । कुछ दिन पूर्व पाकिस्तान से आतंकियों के लिए शस्त्रसंग्रह ले जा रहे एक ड्रोन को भारतीय सेना द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था । ऐसे ड्रोन के द्वारा जैविक आक्रमण किया जा सकता है और ऐसे आक्रमण की जानकारी भी तुरंत नहीं मिलती । एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने बताया कि ‘चीन अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर जैविक आक्रमण जैसा कृत्य भी कर सकता है ।’
( सौजन्य : इंडिया न्यूज चैनल )
१. रासायनिक एवं जैविक आक्रमणों से बचाव की पद्धतियोंपर शोध करनेवाले ग्वालियर स्थित ‘डी.आर्.डी.ओ.’ प्रयोगशाला के अधिकारियों ने बताया कि ‘सेना के पास ऐसे जैविक आक्रमणों से अपना बचाव करने हेतु आवश्यक सामग्री है, साथ ही ‘डी.आर्.डी.ओ.’ की विभिन्न प्रयोगशालाओं में विशेष उपकरण, उदा. न्यूक्लियर, केमिकल एवं जैविक युद्ध के लिए आवश्यक कपडे, विशेष मास्क आदि बना लिए गए हैं और सैनिक उनका उपयोग भी कर रहे हैं । उन्हें इसका प्रशिक्षण दिया जाता है ।’
२. पहले आक्रमण किस विषाणुओं के माध्यम से किया गया है, इसकी जानकारी ली जाती है और उसके पश्चात उसे निष्क्रिय करने का प्रयास किया जाता है । इसके लिए ‘डी.आर्.डी.ओ.’ की ओर से विशेष तंत्र स्थापित किया गया है । इसका उपयोग ‘नैशनल सिक्युरिटी गार्ड’, एवं ‘स्पेशल प्रोटेक्शन गार्ड’ द्वारा किया जा रहा है ।