तिब्बत के नेताओं द्वारा भारत को विगत ६० वर्ष से चेतावनी दिए जाने की जानकारी
भारत का खतरा तिब्बत की समझ में आया; परंतु वह तत्कालीन सत्ताधारी कांग्रेस की समझ में नहीं आया, ऐसा कैसे कहा जा सकता है ? तब भी कांग्रेस ने विगत ६ दशकों में इस समस्या का समाधान क्यों नहीं किया ? इसके लिए कांग्रेस की जांच होनी चाहिए । उससे सत्य बाहर निकल आएगा !
नई देहली – तिब्बत प्रशासन के अध्यक्ष लोंबसांग सांगे ने यह चेतावनी दी है कि चीन द्वारा की जा रहीं गतिविधियां उसकी ‘फाईव फिंगर्स ऑफ तिब्बत स्ट्रैटजी’ की नीति का अंश है । चीन की स्थापना करनेवाले माओत्से तुंग ने ही यह नीति बनाई थी । जब चीन ने तिब्बतपर नियंत्रण प्राप्त करने के संदर्भ में चर्चा की थी, उस समय माओत्से तुंग और अन्य चीनी नेताओं ने ऐसा कहा था कि तिब्बत किसी हाथ के तलुवे जैसा है, उसपर हमें नियंत्रण प्राप्त करना आवश्यक है । तत्पश्चात इन नेताओं ने ‘हमें ५ उंगलियों का विचार करना चाहिए’, यह भी चर्चा हुई थी । इन ५ में से पहली उंगली लद्दाख है, तो अन्य ४ उंगलियां नेपाल, भूटान, सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश हैं । भारत और चीन में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में एक समाचार वाहिनी से की गई भेंटवार्ता में वह ऐसा बोल रहे थे । प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखापर चीन की ओर से चल रही गतिविधियां पूर्व नियोजित होने का भी उन्होंने दावा किया ।
( सौजन्य: CNN-News18 )
सांगे ने आगे कहा कि,
१. वर्ष २०१७ में डोकलाम में और अब लद्दाख में हो रही घटनाएं ‘फाइव फिंगर्स ऑफ तिब्बत स्ट्रैटजी’ का ही अंश हैं । चीन की इसी नीति के संदर्भ में तिब्बत के नेता भारत को विगत ६० वर्ष से चेतावनी दे रहे हैं ।
२. वर्ष १९६२ के युद्ध के पश्चात पहली बार चीन द्वारा भारत-चीन सीमापर स्थित भूभागपर दावा किए जाने से इस क्षेत्र में शांति भंग हुई है । भारत को चीनी नेतृत्व से बहुत ही सतर्क रहने की आवश्यकता है ।
३. जबतक आप ‘तिब्बत में निश्चितरूप से क्या हुआ था ?’, इसका अध्ययन नहीं करते, तबतक चीन का नेतृत्व, मानसिकता और नीति के संदर्भ में पूर्ण जानकारी नहीं मिलेगी ।
४. भारत-चीन सीमापर चल रही हिंसक घटनाओं में अनेक बार चीन की ओर से घुसपैठ करने का प्रयास चल रहा है । संवाद से समस्या का समाधान करना ही एकमात्र मार्ग है । भारत को अपने क्षेत्र और संप्रभुता की रक्षा करने का अधिकार है ।
५. चीन की नीति छडी पर लगाई गई गाजर के जैसी है । (जब हम उसके निकट जाते हैं, तब छडी से बंधा हुआ गाजर दूर जाएगा) भारत को भी ऐसी ही नीतियों को अपनाना चाहिए, परंतु भारत को घुसपैठ का मार्ग नहीं चुनना चाहिए ।