केरल के मुख्यमंत्री की पुत्री के विवाह में संघ स्वयंसेवक की हत्या का दोषी धर्मांध ‘अति सम्माननीय व्यक्ति’ के रूप में उपस्थित !

  • अब आधुनिकतावादी ऐसा ही कहेंगे कि वामपंथी सरकार के राज्य में ऐसा होना ही वास्तविक धर्मनिरपेक्षता है !
  • स्वयं मुख्यमंत्री की पुत्री के विवाह में ही ऐसा होता हो, तो राज्य में सक्रिय धर्मांध अपराधियों के विरुद्ध कितनी कार्यवाई होती होगी, यह बात ध्यान में आती है !

तिरूवनंतपुरम् (केरल) – केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन् की पुत्री के १५ जून को संपन्न विवाह समारोह में ‘अति सम्माननीय व्यक्ति’ के रूप में मोहम्मद हाशिम उपस्थित था, जो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता सुरेश बाबू की हत्या का दोषी है । उसे पैरोलपर छोडा गया है । इसपर भाजपा ने विजयन् से उत्तर मांगा है ।

१. विजयन् की पुत्री का विवाह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट दल के नेता मोहम्मद रियाज के पुत्र के साथ हुआ । इस विवाह में केवल ५० लोग ही उपस्थित थे, उनमें से एक मोहम्मद हाशिम भी था । वह मोहम्मद रियाज का संबंधी है । उसे त्रिशूर में सुरेश बाजू की हत्या के प्रकरण में ७ वर्ष का कारावास मिला है । कोरोना के संकट के कारण आजकल उसे पैरोल पर छोडा गया है ।

२. भाजपा नेता संदीप वरियर ने फेसबुक के मंघ्यम से कहा है कि ‘कोई भी दोषी व्यक्ति सरकारी निवास में कैसे आ सकता है और वह मुख्यमंत्री के कंधे से कंधा मिलाकर कैसे खडा हो सकता है ? सुरक्षा की दृष्टि यह बहुत बडी चूक है । गृहमंत्रालय का दायित्व स्वयं मुख्यमंत्री के ही पास है ।’