भारत-चीन सीमाविवाद गर्माया !
• चीन के ११ सैनिक घायल • चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर लाठियों से आक्रमण किया
- यह तो एक प्रकार से चीन ने भारत के विरुद्ध आरंभ किया युद्ध है । चीन की इस शरारत को सहन न कर अब उसे प्रत्येक क्षेत्र में उसका स्थान दिखाने का समय आ गया है । चीन को अभी पाठ नहीं पढाया गया, तो आगे जाकर स्थिति नियंत्रण के बाहर होने में समय नहीं लगेगा !
- भारत-चीन सीमारेखापर चीनी सैनिक भारतीय सेनापर लाठियों का उपयोग कर आक्रमण कर रहा है । भविष्य में चीन के द्वारा आधुनिक शस्त्रों का उपयोग कर भारतीय सैनिकोंपर आक्रमण किया, तो उसमें आश्चर्य कैसा ?
लेह (लद्दाख) – लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले महीने से चल रहे सीमाविवाद का परिणाम १५ जून की रात को चीन और भारत के सैनिकों की मुठभेड में हुआ । दोनों पक्ष के सैनिकों में पत्थर और लाठियों से मुठभेड हुई । इसमें भारत का कर्नल पद का १ अधिकारी और २ सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, तो चीन के ५ सैनिक मारे गए और ११ घायल हुए । चीन ने अपने सरकारी समाचारपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ में चीन के मारे गए सैनिकों की आधिकारिक जानकारी दी है । भारत के वीरगति को प्राप्त अधिकारी कर्नल इन्फन्ट्री बटालियन के कमांडिंग अधिकारी थे । दोनों सेनाओं में ६ जून को हुए संवाद के पश्चात गलवान वैली से अपने-अपने सैनिकों को पीछे बुलाने की प्रक्रिया चल रही थी और इसी समय में यह घटना होने की बात बताई जा रही है । इस घटना के पश्चात दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थलपर उपस्थित हुए और अब उनमें चर्चा हो रही है । गलवान वैली के सीमाविवाद के कारण भारत और चीन के सेनाधिकारियों के मध्य पिछले कुछ दिनों से चर्चा चलने के समय ही यह घटना हुई है । इस घटना के पश्चात रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिसेन्स स्टाफ बिपिन रावत, तीनों सेनादलों के प्रमुख और भारत के विदेशमंत्री एस्. जयशंकर में बैठक हुई ।
वर्ष १९७५ की गोलाबारी में भारत के ४ सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे !
२० अक्टूबर १९७५ को चीनी सैनिकों द्वारा अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग में असम राईफल के गश्तीदलपर गोलाबारी की गई थी, जिसमें भारत के ४ सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे ।
वर्ष १९६७ में भी चीन के साथ हुई मुठभेड में चीन के ३४० सैनिक मारे गए थे !
११ सितंबर १९६७ को सिक्किम के नाथू-ला क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिकों के मध्य गोलाबारी हुई थी । उसके पश्चात १६ सितंबर १९६७ में भी इसी प्रकार की मुठभेड हुई थी । अक्टूबर १९६७ तक यह विवाद चलता ही रहा । तब चीन द्वारा की गई गोलाबारी में भारत के ६७ सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे । चो-ला परिसर में हुई मुठभेड में और ३६ भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे । उसी समय चीन ने भारत की ओर से की गई गोलाबारी में ३२ सैनिकों के मारे जाने का दावा किया गया था । भारत की जानकारी के अनुसार इस मुठभेड में चीन के ३४० सैनिक मारे गए थे, तो भारत के ८८ सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे ।
भारत के सैनिकों ने सीमापार कर चीनी सैनिकोंपर आक्रमण किए जाने का चीन का शोर
पहले शरारत करना और उसका उत्तर देने के पश्चात भारतपर आरोप लगाना, चीन की मानसिकता है ! इस घटना से चीन को यह ध्यान में रखना चाहिए कि उसने कोई शरारत की, तो प्रत्येक बार उसे जैसे को तैसा उत्तर मिलेगा !
एक समाचार संस्था ने यह समाचार दिया है कि चीन के विदेश मंत्रालय ने यह आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने सीमा को पार कर चीनी सैनिकोंपर आक्रमण किया । चीनी विदेश मंत्रालय से यह भी बताया गया है कि भारत ने एकतरफा कार्यवाई कर समस्या को और अधिक जटिल नहीं बनाना चाहिए ।
दूसरी ओर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियानजाओ लॉजिन से जब इस घटना के संबंध में पूछा गया, तब उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है । चीन के विदेशमंत्री ने कहा है कि हम भारत के साथ चर्चा कर समस्या का समाधान निकालना चाहते हैं ।