‘भागवत पुराण’ मंगवाने पर उसके साथ ‘भागवत पुराण कितना अप्रासंगिक’ नामक पुस्तक निःशुल्क भेजी !

‘एमेजोन’ का पुनः एक बार हिन्दूद्वेष उजागर !

  • एमेजोन ने इससे पूर्व भी हिन्दू देवताओं के चित्रोंवाली चप्पलें, अंतर्वस्त्र आदि बेचने के लिए रखे थे तथा हिन्दुओं के विरोध के पश्‍चात वह हटा लिए गए । तब भी एमेजोन का हिन्दूद्वेष न्यून नहीं हुआ है, यह इस घटना से पुनः ध्यान में आता है । इसलिए हिन्दुओं को संवैधानिक रूप से इसका विरोध करना आवश्यक है !
  • केंद्र सरकार को भी इस घटना को संज्ञान में लेकर ‘एमेजोन’ पर कार्रवाई करने का प्रयत्न करना चाहिए !

नई देहली – ‘अंजी’ नामक ट्वीटर के एक उपयोगकर्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ऑनलाइन सामग्री बेचनेवाले प्रतिष्ठान ‘एमेजोन’ द्वारा हिन्दू धर्मग्रंथ मंगवाने पर उसके साथ ग्रंथ के विरोध में लिखी हुई एक पुस्तक निःशुल्क देकर हिन्दुओं के धर्मग्रंथों का विरोध करने का प्रयत्न किया है ।

१. अंजी ने एमेजोन के माध्यम से उत्तरप्रदेश स्थित गाजियाबाद के ‘विश्‍व बुक्स’ से ‘भागवत पुराण’ मंगवाई थी । उन्हें यह ग्रंथ घर तक भेजा भी गया; परंतु उसके साथ ‘भागवत पुराण कितना अप्रासंगिक’ नामक एक पुस्तक भी निःशुल्क भेजी गई । इस पुस्तक में भागवत पुराण के विरोध में अयोग्य लेखन किया गया है तथा उसके द्वारा पाठक को यह सूचित किया गया है कि भागवत पुराण नहीं पढना चाहिए ।

२. अंजी ने उनका यह अनुभव ट्वीटर साझा किया है । तत्पश्‍चात ‘ट्वीटर के एक अन्य उपयोगकर्ता सत्यम एस. ने भी अपना एक अनुभव बताया । उन्होंने लिखा है कि, ‘हिन्दुत्व और भागवत पुराण के विरुद्ध एक पुस्तक उनको भी निःशुल्क भेजी गई थी ।’

३. अन्य एक महिला को भी वर्ष २०१७ में ऐसा ही एक अनुभव आया था । उसने एक हिन्दी पुस्तक मंगवाई थी; परंतु उसे बाइबिल भेजी गई ।