‘पबजी’ खेल में अंतर्भूत मूर्तिपूजा का कुवैत और सऊदी अरब के मुसलमान धर्मगुरुओं द्वारा विरोध

  • कितने हिन्दू स्वयं के धर्म के विरुद्ध ऐसा कुछ होता हो, तो इस प्रकार जागरूकता दिखाते हैं ?
  • कहां खेल में भी स्वधर्म के विरुद्ध की बातों को सहन न करनेवाले जागरूक मुसलमान, तो कहां खेल, नाटक, फिल्में, कला इत्यादि में किए जा रहे देवताओं के अनादर का हंसकर और तालियां बजाकर प्रत्युत्तर करनेवाले धर्माभिमान शून्य हिन्दू !

रियाध (सऊदी अरब) – वीडियो खेल ‘पबजी’ के नए संस्करण में मूर्तिपूजा अंतर्भूत करने से कुवैत एवं सऊदी अरब में धार्मिक विवाद उत्पन्न हुआ है । इस्लाम में मूर्तिपूजा अस्वीकार होने से वहां के धर्मगुरुओं ने इसका विरोध किया है ।

१. ‘पबजी’ ने ‘मिस्टीरियस जंगल मोड’ नाम से एक नया संस्करण (वर्जन) प्रकाशित किया है । उसमें खिलाडी मूर्तिपूजा करते हुए दिखाई दे रहे हैं । इसके कारण मुसलमान धर्मगुरुओं ने प्रशासन ने इस प्रकार के इस्लाम विरोधी विचारों से बच्चों को बचाने की मांग की है ।

२. इस खेल में ‘टोटेम्स’ नाम की एक शक्तिशाली मूर्ति है तथा उसकी पूजा कर खिलाडी पुनः सशक्त बन जाता है, साथ ही उसे ‘एनर्जी ड्रिंक’ और ‘हेल्थ किट’ जैसी अनेक वस्तुएं मिलती हैं, ऐसा दिखाया गया है । ‘पबजी’ खेलनेवाले अनेक मुसलमान इस नए संस्करण का विरोध कर रहे हैं । अनेक लोग खेल में ‘टोटेम्स’ मूर्ति को जलाकर क्षोभ व्यक्त कर रहे हैं ।

३. कुवैत विश्‍वविद्यालय की शरिया महाविद्यालय के प्रा. डॉ. बासम अल शट्टी ने बताया कि पबजी ने मूर्तिपूजा दिखाकर इस्लामी मान्यताओं का ही उल्लंघन किया है । यह इस्लाम का सबसे बडा पाप है । इस्लाम में केवल शक्तिशाली अल्लाह की प्रार्थना में ही शीश झुकाया जाता है ।

४. ‘बेसिक एजुकेशन कॉलेज’ के प्रा. डॉ. राशिद अल अलीमी ने कहा कि यह खेल मुसलमानों के लिए अत्यंत संकटकारी है । ऐसे खेल आगे जाकर ऐसी पीढीयां बनाएंगे, जिन्हें इस्लाम के अनादर करनेवाले सिद्धांतों के संदर्भ में कुछ भी ज्ञात नहीं होगा । इस्लाम एकेश्वरवाद को मानता है । अल्लाह ही सृष्टि का रचैता और उसका रक्षक है ।