- पहले पुलिसकर्मियों को धमकाना और पत्रकारों ने उसके संदर्भ में प्रश्न किया, तो उन्हें भी धमकाना, ऐसी वृत्ति के धर्मांध जनप्रतिनिधियों को पुलिस प्रशासन कारागृह में क्यों नहीं बंद करता ?
- इस संदर्भ में पत्रकार संगठन आगे क्यों नहीं आते ? या धर्मांधों ने कुछ भी किया, तो वह उचित ही है, ऐसा उन्हें लगता है ?
भाग्यनगर (तेलंगाना) – हिन्दी समाचार वाहिनी न्यूज १८ के पत्रकार अमीश देवगण को यहां के एम्.आई.एम्. के पार्षद मुर्तजा अली द्वारा और उसके पश्चात अनेक लोगों द्वारा धमकाए जाने की घटना हुई है । मुर्तजा अली ने कुछ दिन पूर्व यातायात बंदी होते हुए भी मस्जिद में नमाज पढने के लिए ५ लोगों के स्थानपर १० लोगों को जाने से रोकनेवाले पुलिसकर्मी को धमकाया था । इस संदर्भ में इस समाचार वाहिनीपर प्रतिक्रिया लेते समय अली ने देवगण को धमकाया ।
१. अमीश देवगण ने मुर्तजा अली से प्रश्न पूछा कि आपने पुलिसकर्मियों को पहले मंदिरों को बंद करें, मस्जिदों को नहीं, ऐसा बोलते हुए क्यों धमकाया ? (मंदिर तो पहले से ही बंद हैं; परंतु अनेक मस्जिदों में यातायात बंदी का निरंतर उल्लंघन करते हुए नमाज पढने के प्रयास किए जाने की घटनाएं सामने आई हैं । इसे स्वीकार करने के स्थानपर दूसरोंपर आरोप लगानेवाले अभी तक कारागृह के बाहर क्यों हैं ? – संपादक) उसपर अली ने कहा, आप यदि गुंडागर्दी की भाषा बोलोगे, तो मैं भी यही भाषा बोलूंगा । (पहले स्वयं ही गुंडागर्दी करना और उसके पश्चात दूसरोंपर आरोप लगाना ! यहां की नगरपालिका ऐसे धर्मांध पार्षद का पद रद्द क्यों नहीं करती ? – संपादक) आप केवल एक सूत्रसंचालक के रूप में काम करें ।
२. उसके पश्चात अमीश ने उन्हें आप ने पुलिसकर्मियों की कॉलर और हाथ क्यों पकडा ?, ऐसा पूछनेपर अली ने कहा, हमारा दल गुंडागर्दी नहीं करता । उस पुलिसकर्मी ने उसके नाम का फलक लगाने का प्रयास किया था । मैं क्षमा नहीं मांगूंगा; क्योंकि चूक उस पुलिसकर्मी की है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यातायात बंदी होते हुए भी पूजा की थी ।
३. अमीश देवगण के साथ मुर्तजा अली से हुए इस संवाद के कुछ समय पश्चात देवगण को अनेक दूरभाष आए और उसमें देवगण को धमकाया गया । इस संदर्भ में अमीश देवगण ने कहा, मैं ऐसे धमकियों से नहीं डरता । जो सत्य है, उसे मैं निरंतर बोलता ही रहूंगा ।