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मुंबई: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने विदेश जाकर भारत और भारतीय लोकतंत्र की छवि को नुकसान पहुँचाया है।यह निंदनीय है । बार-बार चुनाव हारने से उनके मानसिक संतुलन पर असर पड़ा है ऐसा प्रतीत होता है । लेकिन अगर वे विपक्ष के नेता होते हुए भी अपने ही देश की विदेश में निंदा कर रहे हैं, तो यह संदेह पैदा करता है कि वे वास्तव में किसका एजेंडा (नीति)चला रहे हैं ?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राहुल गांधी को जनता के बीच जाकर काम करना चाहिए। पूरी दुनिया में घूमकर और भारत की आलोचना करके वे अपनी विश्वसनीयता नहीं बढ़ा सकते । जब वे जनता में विश्वास पैदा करेंगे, तभी उन्हें समर्थन मिलेगा, लेकिन इसके बजाय वे भारत की निंदा करने का ही काम कर रहे हैं। जो महाराष्ट्र में हारे, हरियाणा में हारे, दिल्ली में हारे – उन्हें भारत की निंदा करना बंद करना चाहिए ।
राहुल गांधी ने अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी दौरे के समय वहाँ के छात्रों से बातचीत में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा था कि “चुनाव आयोग ने समझौता किया ।” इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री फडणवीस ने ये कडे शब्द कहे।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में युवाओं ने भारी मात्रा में मतदान किया, जो एक सच्चाई है । लेकिन चुनाव आयोग ने उन्हें केवल शाम ५.३० बजे तक के ही मतदान के आंकड़े दिए। शाम ५.३० से ७.३० के बीच, जब मतदान का समय समाप्त हो चुका होता है, तब आयोग के अनुसार ६५ सहस्त्र लोगों ने मतदान किया । यह असंभव है, क्योंकि एक मतदाता को वोट डालने में औसतन ३ मिनट लगते हैं ।
यदि यह मान भी लिया जाए, तो इसका मतलब है कि रात २ बजे तक लोग लाइन में खड़े थे और सुबह तक वोटिंग चल रही थी, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला । चुनाव के लिए कानून में भी बदलाव किया गया । हमने चुनाव आयोग से पूछा था कि क्या वोटिंग प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी? तो आयोग ने मना कर दिया और कानून में संशोधन कर दिया । इसका सीधा मतलब है कि चुनाव आयोग ने समझौता किया। इससे स्पष्ट होता है कि चुनाव प्रक्रिया में गंभीर कमियां हैं ।