विशेष कौशल प्राप्त को भी करना पड रहा है मजदूरी का काम !

  • काम के लिए इजराइल गए सहस्रों भारतीयों की दुःस्थिति

  • प्रतिदिन १२ घंटे तक करना पड़ता है श्रम !

भाग्यनगर (तेलंगाना) – अच्छी मजदूरी के लिए इजराइल चले गए १ हजार ५०० से अधिक भारतीय नागरिकों की दुर्दशा हो रही है। विभिन्न क्षेत्रों में कौशल रखने वाले भारतीयों को मजदूर के रूप में काम करना पड रहा है। मूल अनुबंध के अनुसार जहां एक महीने में २०० से २३६ घंटे काम करना निश्चित है, वहीं सभी से ३६० घंटे अर्थात एक दिन में १२ घंटे काम कराया जा रहा है ।

१. इनमें से कुछ भारतीय सिविल इंजीनियर हैं । अन्य विभिन्न क्षेत्रों में से हैं जैसे निर्माण विशेषज्ञ, ‘सेरेमिक टाइल्स’ विशेषज्ञ, ‘फर्नीचर निर्माण’ विशेषज्ञ आदि ।

२. कई लोग शिकायत करते हैं कि उन्हें अनुबंध के अनुसार ‘अच्छी तरह से भुगतान’ किया गया था, लेकिन चयन के दौरान उन्हें वह काम नहीं मिला जो उन्हें करने के लिए कहा गया था । उनमें से अधिकांश निर्माण स्थलों पर मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं । कोई ईंट-सीमेंट उठा रहा है तो कोई घर की सफाई कर रहा है ।

३. इजराइल-तेलंगाना एसोसिएशन की अध्यक्ष सोमा रवि ने एक हिंदी समाचारपत्र को बताया कि इजराइल-हमास युद्ध के समय इजराइल को कुशल श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ा, इसलिए लोगों को भारत से भेजा गया था । दिसंबर २०२३ से अनुमानित १० हजार भारतीय कुशल श्रमिकों को इज़राइल भेजा गया है । इनमें से १ हजार ५०० से अधिक लोगों को अलग ही काम दिया गया है ।

४. भारतीय श्रमिक मुख्य रूप से राफाह, लेबनॉन सीमा, अशदोद, हाइफ़ा, तेल अवीव, होलोन, जेरुसलेम, नेतन्या इन क्षेत्रों में काम कर रहे हैं ।

५. इस प्रकरण में दिसंबर २०२४ में केंद्र सरकार ने कहा था कि कुछ कार्यकर्ताओं ने इजराइल से जुड़ी शिकायतें सरकारी अधिकारियों को बताई थीं । उनका समाधान हो गया है । वहीं कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने उनकी शिकायतों का समाधान नहीं किया है ।

संपादकीय भूमिका 

भारत को इस पर इजरायली अधिकारियों से उत्तर मांगना चाहिए । ध्यान देंगें तभी वहां की संस्थाएं भारतीयों का अनुचित लाभ नहीं उठाएंगी !