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इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – जिहादी आतंकवादियों का रोल मॉडल तथा भारत से भागा हुआ जाकिर नाइक कुछ सप्ताह के लिए पाकिस्तान के दौरे पर था। इस दौरे पर कुछ आपत्तिजनक बयान देने के कारण पाकिस्तान में उसकी आलोचना हुई थी । अब पाकिस्तान के ‘सिनोड’ चर्च के अध्यक्ष बिशप (वरिष्ठ पादरी) डॉ. आजाद मार्शल ने, ईसाइयों को लेकर जाकिर नाइक के बयान पर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को पत्र लिखा है । इससे पहले पाकिस्तानी मुसलमानों ने भी जाकिर का विरोध किया था ।
डॉ. आजाद मार्शल ने पत्र में कहा,
१. जाकिर नाइक के सार्वजनिक भाषणों ने हमारे समुदाय को आहत किया है; क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से हमारी आस्था, हमारी पवित्र पुस्तकों की प्रामाणिकता पर प्रश्न उठाया है । पादरी वर्ग के प्रति अपमानजनक तथा नीचा दिखाने वाले बयान दिये । जाकिर के बयान ने न केवल धर्म का अपमान किया अपितु सभी पाकिस्तानियों के राष्ट्रीय गौरव को भी अल्प कर दिया ।
२. जाकिर की टिप्पणियों के लिए सरकार द्वारा औपचारिक क्षमा न मांगने के कारण ईसाई समुदाय द्वारा अनुभव की गई असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया है। सरकार ने बार-बार धार्मिक सद्भाव बनाए रखने का आश्वासन दिया है । जाकिर ने सार्वजनिक मंचों पर टिप्पणी की, जहां हमारे धर्मगुरुओं तथा विद्वानों को उनके गलत विचारों और सूचनाओं पर प्रतिक्रिया देने अथवा उन्हें सही करने का अवसर नहीं दिया गया ।
३. पाकिस्तान के नागरिक के रूप में, अल्पसंख्यकों को संविधान के अनुच्छेद २० के अंतर्गत मौलिक अधिकारों का आश्वासन दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि ‘प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म को मानने, अभ्यास करने तथा प्रचार करने का अधिकार होगा ।’
डॉ. मार्शल ने राष्ट्रपति जरदारी से इन संवैधानिक अधिकारों को बनाए रखने के लिए गंभीर कदम उठाने तथा यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कोई उनका उल्लंघन न करे ।
संपादकीय भूमिकाअच्छा हुआ कि पाकिस्तानी भी जाकिर नाइक की मानसिकता को समझ गए । जाकिर का मुखौटा सबके सामने आ गया है । जाकिर दुनिया में कहीं भी चला जाये, मुसलमान उसे महत्व नहीं देंगे और अब तो ईसाई देश भी उसका विरोध करेंगे ! |