USCIRF’s Anti-Hindu Narrative : (और इनकी सुनिए….) ‘भारत में धार्मिक स्वतंत्रता संकट में है तथा अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं !’ – आंतरराष्‍ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग, अमेरिका

  • अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी सरकार के आयोग ने प्रकट किया सदा का हिन्दू द्वेष !

  • झूठा आरोप लगाया जा रहा है कि सरकारी स्तर पर भी अल्पसंख्यकों को लक्ष्य बनाया जा रहा है !

वाशिंगटन (अमेरिका) – अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य अमेरिका आयोग ने एक बार पुनः भारत विरोधी रिपोर्ट जारी की है । ‘इंडिया कंट्री अपडेट’ शीर्षक वाली पूर्ण रूप से झूठी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता संकट में है । रिपोर्ट के अनुसार, कुछ संगठन (हिंदुत्) अल्पसंख्यकों को पीट रहे हैं, भीड़ द्वारा उनकी हत्या (मॉब लिंचिंग) कर रहे हैं, (मुस्लिम) नेताओं को बिना कारण बंदी बना रहे हैं और उनके घरों और पूजा स्थलों को ध्वस्त कर रहे हैं । ये घटनाएँ विशेष रूप से धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन हैं ।

यह आयोग अमेरिकी विदेश नीति के संबंध में अमेरिकी सरकार को सिफारिशें करता है ।

रिपोर्ट का वर्णन करते हुए आयोग ने आगे कहा है कि,

1. धार्मिक अल्पसंख्यकों तथा उनके पूजा स्थलों पर हिंसक आक्रमणों को उकसाने के लिए सरकारी अधिकारियों द्वारा द्वेष भरे भाषण सहित गलत सूचना प्रसारित की जाती है ।

2. धार्मिक अल्पसंख्यकों को लक्ष्य बनाने तथा उन्हें उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए भारत के कानूनी ढांचे में परिवर्तन किया गया है, जिसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम, समान नागरिक संहिता, साथ ही कई राज्य धर्मांतरण तथा गोहत्या विरोधी कानून सम्मिलित हैं । उनकी कार्रवाई भी उसी दिशा में हो रही है ।

3. इस कारण आयोग अमेरिकी विदेश विभाग से भारत को ‘विशेष चिंता वाला देश’ घोषित करने की सिफारिश करता है । यह भी देखा जाना चाहिए कि भारत धार्मिक स्वतंत्रता के व्यवस्थित और गंभीर उल्लंघन में लगा हुआ है।

हम इस रिपोर्ट को अस्वीकार करते हैं ! – भारत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल

नई दिल्ली – यू.एस.सी.आई.आर.एफ यह धार्मिक प्रकरणों में अमेरिकी आयोग निष्पक्ष नहीं है । यह आयोग भारत के बारे में गलत तथ्य प्रस्तुत कर हमारी छवि धूमिल करना चाहता है ।’ भारत के विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया ऐसे शब्दों में व्यक्त की है कि हम उनकी रिपोर्ट को खारिज करते हैं ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि आयोग को नीति-आधारित रिपोर्ट जारी करने से बचना चाहिए । उन्हें अपने समय का उपयोग अमेरिका में मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों को उठाने में करना चाहिए ।

संपादकीय भूमिका

  •  ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ जैसे अभियान चलाने वाली भारत सरकार को इस भारत-विरोधी अमेरिकी सरकार के ‘झूठ बोलना, बार-बार झूठ बोलना और अपने झूठ को छुपाने के लिए चीखना-चिल्लाना’ जैसी प्रवृत्ति वाले इस संगठन की सार्वजनिक रूप से निंदा करनी चाहिए ।
  • भारत अमेरिका की बाईडेन सरकार से ऐसी सरासर झूठी रिपोर्टों का उत्तर क्यों नहीं मांग रहा है ? अब भारत को इस प्रकार का संगठन स्थापित करना चाहिए और अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता की दुर्दशा को विश्व के सामने लाना चाहिए !
  • भारत में बहुसंख्यक हिन्दू मुस्लिम आक्रामणों का शिकार बन रहे हैं। हिन्दुओं का कोई भी त्योहार बिना दंगे के नहीं होता, अब हिन्दू लोगों को भी अमेरिका के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करना चाहिए !