म्हैसूरु (कर्नाटक) के विख्यात श्री चामुंडीमाता के मंदिर के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सिद्धारामय्या का वक्तव्य
म्हैसूरु (कर्नाटक) – मुख्यमंत्री सिद्धारामय्या ने चेतावनी देते हुए कहा है, ‘शहर के चामुंडीद्वीप पर स्थित श्री चामुंडीमाता के मंदिर में उचित गुणवत्ता की व्यवस्था न करने पर संबंधितों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी । श्री क्षेत्र के विकास हेतु निधि अल्प नहीं है । जो कुछ मांगा है, उसकी आपूर्ति समय-समय पर की गई है, फिर भी कामकाज अपेक्षित गति से नहीं हो रहे। यह बात मैं सह नहीं सकता। यदि समय के रहते काम पूर्ण न हुआ, तो कोई भी समझौता नहीं करूंगा, तथा कार्यवाही की जाएगी।’ यहां सम्पन्न श्री चामुंडेश्वरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की प्रथम सभा में वे ऐसा बोल रहे थे ।
उन्होंने कहा कि,
१. मंदिर की परंपराएं एवं इतिहास की रक्षा करने के साथ ही उसका विकास करना आवश्यक है ।
२. प्राधिकरण की कार्यप्रणाली ढंग से होनी चाहिए। स्वच्छता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए । वाहनतल के लिए अधिक सुचारु रूप से व्यवस्था करना आवश्यक है ।
३. माता शक्ति देवी श्री चामुंडीदेवी के लिए करोडो लोगों की अपार भक्ति, श्रद्धा एवं विश्वास है । देश के प्रत्येक कोने से भक्तगण यहां आते हैं । यहां सभी के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए ।
४. कोप्पळ हुलिगम्मा मंदिर एवं घाटी सुब्रह्मण्य मंदिर के अधिक विकास हेतु प्राधिकरण की स्थापना करने की भी बडी मांग है । इस संदर्भ में भी कदम उठाए जाएंगे ।
संपादकीय भूमिकाहिन्दुद्वेषी सिद्धरामय्या को मंदिर के विकास की चिंता कबसे सताने लगी ? यदि उनको इस विषय में वास्तव में चिंता है, तो उनको प्रथम कर्नाटक के मंदिरों का सरकारीकरण रहित कर वे भक्तों को सौंप देने चाहिए ! |