सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘लव जिहाद के संदर्भ में कुछ करने के इच्छुक एक युवक ने पूछा, ‘लव जिहाद’ करनेवाले अर्थात हिन्दू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनसे विवाह करनेवाले धर्मांधों को प्रत्युत्तर देने हेतु हम भी धर्मांधों की लडकियों के संदर्भ में वैसा ही करें क्या ?’ – इसका उत्तर है – हिन्दू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनसे विवाह करनेवाले धर्मांधों को पाप लगता है । वह उन्हें भोगना ही पडता है । यदि हिन्दुओं ने ऐसा किया, तो उन्हें भी पाप भोगना पडेगा । ऐसा ना हो, इसके लिए वे हिन्दू युवतियों को धर्मशिक्षा देने पर अपना ध्यान केंद्रित करें ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक