Allahabad High Court : क्या लिंगपरिवर्तन शस्त्रकर्म करने के पश्चात व्यक्ति के लिंगनिश्चिति के लिए कानून बनाने हेतु राज्य सिद्ध है ? – अलाहाबाद उच्च न्यायालय का सरकार से प्रश्न 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय

प्रयागराज – अभी-अभी एक लिंग परिवर्तित याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते समय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से प्रश्न करते हुए कहा कि लिंग पुनर्नियुक्ति शस्त्रकर्म करनेवाली व्यक्ति का लिंग निश्चित करने के लिए कानून अथवा  नियम  बनाने हेतु क्या सरकार तैयार है ?,  याचिकाकर्ता को महिला से पुरुष परिवर्तन शस्त्रकर्म करने के पश्चात उसका नाम, लिंग तथा अन्य ब्योरा उसकी पाठशाला में लिखवा कर अद्यतन करना था ।

न्यायाधीश आलोक माथूर ने कहा कि केवल परिवर्तन शस्त्रकर्म करने से किसी व्यक्ति को पुरुष माना जा सकता है अथवा नहीं ?, यह केंद्र अथवा राज्य सरकार पर र्निर्भर है । अर्जदार का लिंग निश्चित करनेवाले घटक कौन से होंगे ?, एक्स-एक्स अथवा एक्स-वाय गुणसूत्रों की उपस्थिति अथवा शरीर का कोई भी ‍व्यक्तिगत अंश, जो कोई एक व्यक्ति का लिंग निश्चित करेगा, इस विषय में कानून मंडल ने कानून अथवा नियम बना कर उसका प्रबंध करना चाहिए । क्या राज्य सरकार इन सूत्रों पर कोई कानून लाने हेतु तैयार है ?

याचिकाकर्ता ने न्यायालय में बताया कि उसका लिंग पुरुष है, इसकी निश्चिति करने हेतु उसने स्वेच्छा से शस्त्रकर्म किया था । अपना नाम परिवर्तित कर वेदांत मौर्य किया तथा यह परिवर्तन गत वर्ष भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित किया । तत्पश्चात याचिकाकर्ता ने प्रयागराज माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल से यह ब्यौरा अद्यतन करने हेतु अर्जी की थी; परंतु मंडल ने कुछ भी नहीं किया । इसलिए उसने उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की । इस पर न्यायालय ने प्रयागराज माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल को याचिकाकर्ता के प्रार्थनापत्र पर त्वरित  विचार कर ४ सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया । इस प्रकरण की अगली सुनवाई १८ सितंबर को होगी ।