Ganga Water Level : गंगा नदी का तट सूखा !

  • गंगा नदी की दयनीय स्थिति !

  • बांधों के कारण गंगा नदी का पानी अल्प होने के परिणाम !

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – वैज्ञानिकों का कहना है, ‘गंगा नदी ने अपना किनारा छोड दिया है। पिछले वर्ष के जून की अपेक्षा इस समय गंगा नदी अनुमानतः १५ फुट नीचे ढह गई हैं । गंगा नदी के मध्य भाग के साथ ही गंगा के तट की रेत भी किनारे में रूपांतरित हो रही है । यह सब देखकर इस पर विश्‍वास नहीं होता ।’

१. गंगा नदी के किनारे निवास रहे घाटी पर रेत एवं कीचड (मैल) जमा हो रहा है । ऐसा प्रथम ही दिखाई दिया है । वाराणसी में गंगा नदी के ४० से अधिक घाटी पर यह स्थिति निर्माण हुई है । सिंधिया घाटी, सक्का घाटी, ललिता घाटी से दशाश्‍वमेध घाटी एवं पांडे घाटी तक रेत एवं कीचड पहुंच गया है । अस्सी घाटी से पूर्व का क्षेत्र ही रेत एवं मिट्टी से व्याप्त है। दशाश्‍वमेध घाटी पर बहुत अधिक रेत एवं मिट्टी जमा होते हैं । यहां आनेवाले पर्यटक एवं भक्त घाटी की सीढ़ियां उतरते हैं एवं रेत तथा मिट्टी पर खडे रहकर छायाचित्र खींचते हैं ।

२. नौकाविहार करनेवालों को भी रेत लांघकर जाना पडता है । दशाश्‍वमेध घाटी के सामने डेढ़ किलोमीटर चौडाई का रेत का ढेर जम गया है । गाय घाटी से राजघाटी में २ किलोमीटर चौडाई का रेत का ढेर निर्माण हुआ है । घाटी के सामने गंगा नदी के मध्य रेत के लंबे पट्टे निर्माण हुए हैं । यहां पानी की उपलब्धि न्यूनतम हो गई है ।

३. ‘गंगा नदी का अखंड प्रवाह रोका गया है । इसलिए इस स्थिति का निर्माण हुआ है’, ऐसा वैज्ञानिकों का कहना हैं । बांधों के कारण गंगा नदी की हानि हो रही है, साथ ही गंगा नदी स्वच्छ करने का सरकार का प्रयास असफल हो रहा है ।

४. बनारस हिन्दू विश्‍वविद्यालय के गंगा अनुसंधान केंद्र के प्रा. डॉ. बी.डी. त्रिपाठी ने कहा, ‘पानी निकासी की प्रक्रिया के लिए प्रकल्प का निर्माण किया गया है तथा सभी काम चल रहे हैं; परंतु गंगा नदी के पानी का स्तर न्यून हुआ है । गंगा नदी में पानी न होने के कारण नाली की निकासी का पानी उसमें गिर रहा है । इस कारण यहां का प्रदूषण बढ रहा है ।’

संपादकीय भूमिका 

  • यदि कोई कहे कि गंगा नदी की दयनीय स्थिति यही आपातकाल का आरंभ है, तो इसमें गलत क्या है ?
  • गंगा नदी को ‘देवनदी’ संबोधित किया जाता है ! बड़ा आध्यात्मिक महत्त्व रखने वाली इस नदी की दयनीय स्थिति होना, यह सरकारी तंत्र एवं हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक !