लोहियानगर (पुणे) में हिन्दूत्ववादी कार्यकर्ता अक्षय ढावरे पर कट्टरपंथियों के एक गिरोह द्वारा घातक प्रहार !

लोहियानगर से हिन्दू पलायन कर रहे हैं !

प्रतिकात्मक छायाचित्र

पुणे, २४ जून (वार्ता ) – २३ जून को अतुल खान, सलमान बल्ली शेख, असमल पटेल, यूसुफ, आसिफ मेंढा इस जिहादी गिरोह ने लोहियानगर में मातंग समाज के हिंदुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता अक्षय ढावरे पर प्रहार किया तथा उन्हें मारने का प्रयास। ऐसा कहा जाता है कि ढावरे पर आघात इसलिए किया गया क्योंकि वे कट्टरपंथियों का विरोध कर रहे थे। तलवार के वार को रोकने में ढावरे का अंगूठा टूट गया और वह आहत हो गये। इस प्रकरण में नागेश ढावरे ने आपत्ति प्रविष्ट कराई है। यह सूचना ‘लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी’ के सोशल मीडिया अकाउंट से प्रसारित की गई है। इसे लेकर हिंदुत्वनिष्ठों ने अपना आक्रोश प्रकट किया है।

१. यहां मुस्लिम गुंडों का बड़ा आतंक है। आतंक के बलपर यहां के हिन्दूओंको त्योहार मनाने को विरोध हो रहा हैं।

२. सैकड़ों वर्षों की परंपरा वाली एक यात्रा इसी क्षेत्र से निकलती है। इस वर्ष यात्रा में ‘भगवान की छड़ी’ उठाकर यात्रा निकालने का अधिकार भी मुसलमानों ने अस्वीरकर कर दिया जिससे हिन्दूओं को छड़ी को क्षैतिज (सीमांतर ) रूप से चलाकर यात्रा निकालनी पडी। ( छत्रपती शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में हिन्दूओंको त्योहार आतंक में मनाने का समय आना पुलिस के लिये लज्जासपाद है ! हिन्दूओंकी दुर्दशा दूर करने के लिए हिन्दू संगठन ही एकमात्र विकल्प है! – संपादक)

३.  पुणे के लोहियानगर क्षेत्र में पीढ़ियों से रह रहे हिन्दूओं के लिए अपना घर छोड़कर भागने का समय आ गया है।

४. आरोप सिद्ध करने के पश्चात पुलिस भी हिन्दूओं की दयनीय स्थिति पर निष्क्रिय हो गई है। ( ऐसी पुलिस कानून की व्यवस्था क्या देगी? – संपादक)

पुणे का इस्लामीकरण !

पुणे के अनेक भाग में मुस्लिम संख्या में तेजी से वृद्धि, मुस्लिम गुंडों द्वारा चलाए जा रहे अवैध व्यवसाय, अवैध व्यवसायों से उत्पन्न काला धन, काले धन से उत्पन्न अपराध और इन अपराधियों द्वारा बनाए गए आतंक के कारण पुणे का गजवा-ए-पुणे ( पुणे का इस्लामीकरण होने की ) स्थिती आ गयी है ,यह कहना असत्य नही होगा। यह हिंदुओं के लिए संकट की घंटी है!

संपादकीय भूमिका

यदि कट्टरपंथियों के आतंक के कारण हिन्दूओंको पुणे शहर जैसी जगह में प्राण रक्षा के लिए भयभीत हो कर जीवन व्यतीत करना पड़ता है , तो किसी अन्य स्थान के बारे में न सोचना ही उचित है! यह ऐसी घटनाओं से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की आवश्यकता का भान होता है!