Arundhati Roy : विवादित लेखिका अरुंधती रॉय के विरुद्ध होगा अपराध प्रविष्ट !

  • १४ वर्ष पूर्व भडकाऊ भाषण देने का आरोप !

  • पृथकतावादी परिषद में दिया था भडकाऊ भाषण !

विवादित लेखिका अरुंधती रॉय

नई देहली – १४ वर्ष पहले ‘कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग नहीं’, ऐसा कुप्रचार करनेवाली एक परिषद में भडकाऊ भाषण देने के मामले में विवादित लेखिका रॉय के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट करने के लिए देहली के नायब राज्यपाल व्ही.के. सक्सेना ने मान्यता दी। रॉय के साथ ‘कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय कानून के भूतपूर्व अध्यापक डॉ. शेख शौकत हुसेन के विरुद्ध भी अपराध प्रविष्ट होनेवाला है।

देहली के कोपर्निकस मार्ग के एल्.टी.जी. ऑडिटोरियम में २१ अक्टूबर २०१० में ‘आजादी – द ओन्ली वे’ (स्वतंत्रता – एक ही मार्ग) नामक परिषद आयोजित की गई थी। इसमें अरुंधती रॉय और प्रा. शौकत हुसेन ने भडकाऊ भाषण किए थे। कश्मीर घाटी के तीव्र अशांति के कालखंड में यह परिषद हुई। इस कालखंड में पृथकतावादियों के प्रदर्शन के समय पुलिस ने टियर गैस का उपयोग किया, जिसमें तुफेल अहमद मट्टू नामक १७ वर्षीय बच्चे की मृत्यु हुई थी। इससे कश्मीर घाटी में तीव्र प्रदर्शन हुए थे।

सामाजिक कार्यकर्ता श्री. सुशील पंडित ने वर्ष २०१० में प्रविष्ट  किया था परिवाद !

रॉय और हुसेन के भडकाऊ भाषणों के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता श्री. सुशील पंडित ने २७ नवंबर २०१० को रॉय और हुसेन के विरूद्ध परिवाद प्रविष्ट किया था। इसके उपरांत देहली पुलिस ने रॉय और हुसेन के विरूद्ध ‘एफ्.आई.आर्.’ प्रविष्ट किया। इस परिवाद में परिवादी श्री. सुशील पंडित ने कहा था कि इस परिषद में अरुंधती रॉय के साथ अन्य अनेक वक्ताओं ने भडकाऊ भाषण देकर सार्वजनिक शांति एवं सुरक्षा संकट में डाल दी और ‘कश्मीर भारत से अलग करें’, इस पृथकतावादी विचारधारा का प्रचार किया। इसके साथ ही श्री. पंडित ने इस परिषद का ध्वनिमुद्रण न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया। इस आधार पर न्यायालय ने देहली पुलिस को अरुंधती रॉय और शौकत हुसेन के विरूद्ध ‘एफ्.आई.आर्. प्रविष्ट करने का आदेश दिया था।

संपादकीय भूमिका

  • केवल अपराध प्रविष्ट करने के लिए १४ वर्ष लेनेवाली पुलिस को आरोपियों को दंड देने के लिए कितने वर्ष लगेंगे ?, इसका विचार न करेंगे तो ही अच्छा ! इसके लिए उत्तरदायी पुलिस पर भी कठोर कार्यवाही होनी चाहिए !
  • निष्पाप हिन्दुत्वनिष्ठों के विरुद्ध स्वयं अपराध प्रविष्ट करनेवाली पुलिस देशद्रोही वक्तव्य देनेवालों के विरुद्ध स्वयं होकर सामान्य परिवाद भी नहीं लिखवाती, यह समझ लें !