|
नई देहली – रूस किसी भी परिस्थिति में उसकी सेना में भारतीयों की हो रही भरती रोक दे । भारतीयों की भरती करना, दोनों देशों की मित्रता के लिए अच्छी बात नहीं है । रूस उसकी सेना में भरती हुए भारतीयों को वापस भेज दें, ऐसी मांग भारत सरकार ने रूस से की है । साथही विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि यह सूत्र भारत स्थित रूस के राजदूत को भी प्रस्तुत किया है । युक्रेन युद्ध में रूस की सेना में नियुक्त २ भारतीयों की मृत्यु हुई है, ऐसी जानकारी भी भारत के विदेश मंत्रालय ने दी । इसके पहले भी अनेक भारतीयों की रूस के सेना की ओर से लडते हुए मृत्यु हुई है ।
Russia should stop recruiting Indians in the army!
India makes a demand to #Russia
2 more Indians killed in the #UkraineRussiaWar
If Russia does not heed India’s words, then India should tell Russia in a language that it ‘understands’ !pic.twitter.com/6br4XhyQlu
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) June 12, 2024
१. विदेश मंत्रालय के कहनेनुसार मॉस्को के भारतीय दूतावास ने दोनों भारतीय नागरिकों की मृतदेह शीघ्रातिशीघ्र लौटाने के लिए रूस के रक्षा मंत्रालय समेत रूस के अधिकारियों पर दबाव लाया है । साथही विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि यदि भारतीयों को रूस में नौकरी का प्रस्ताव मिलता है, तो वे सावधानी बरतें ।
२. धोखा देकर भारतीयों को रूस-युक्रेन युद्ध में भेजने के मामले में सीबीआई ने ४ लोगों को बंदी बनाया था । इनमें ३ भारतीय थे, तो रूस के रक्षा मंत्रालय में काम करनेवाला एक अनुवादक था । सामाजिक माध्यमों से भारतीयों को नौकरी और अच्छे वेतन की लालच दिखाकर फंसानेवाले जाल में ये सभी लोग सहभागी थे ।
३. सीबीआई की कहनेनुसार देहली के एक प्रतिष्ठान ने आज तक लगभग १८० भारतीयों को रूस में भेजा है । जो विदेश में काम करना चाहते है, ऐसे लोगों को ये प्रतिष्ठान लक्ष्य करते हैं । इसके उपरांत उन्हें फंसाने के लिए यू ट्यूब वीडियो बनाए जाते हैं । इसमें दिखाया जाता है कि रूस में युद्ध का कोई परिणाम नहीं है और सभी लोग सुरक्षित हैं । तदुपरांत ऐसा दिखाया जाता है कि रूस की सेना में सहायक, लिपिक और युद्ध में ढह गई इमारतें रिक्त करने की नौकरियां उपलब्ध हैं । बताया जाता है कि, ‘नौकरी करनेवाले लोगों को सीमा पर जाना नहीं होगा । ३ महींनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा और ४० सहस्र रुपए वेतन मिलेगा । प्रशिक्षण पूर्ण होने पर १ लाख रुपए वेतन मिलेगा ।’ इतना होने पर जो कोई रूस में जाता है, तब उसे बलपूर्वक सैनिकी प्रशिक्षण दिया जाता है । उन्हें फर्जी दस्तावेज दिखाए जाते हैं, जिस पर लिखा होता है कि यदि वे रूस की सेना में भरती नहीं हुए, तो उन्हें १० वर्ष के कारावास का दंड दिया जाएगा ।
संपादकीय भूमिकायदि रूस भारत की सुनता नहीं होगा, तो रूस ‘समझेगा’ ऐसी भाषा में भारत को रूस को बताना चाहिए ! |