कलियुग में स्वभावदोष निर्मूलन सभी प्रकार की साधनाओं का मूलाधार !

वर्तमान कलियुग में अधिकांश लोग रज-तम प्रधान होने के कारण उनमें स्वभावदोष और अहं की तीव्रता अधिक है । इसलिए नामजप करना उन्हें कठिन होता है ।