देवताओं की उपासना भक्तिभाव से करें !

शक्ति शब्द का क्या अर्थ है, शक्तिद्वारा धारण किए ३ मुख्य रूप एवं उनकी विशेषताएं कौनसी हैं, श्री लक्ष्मी एवं दुर्गा, पार्वती एवं काली माता आदि की क्या विशेषताएं हैं, ‘गंगा’ एवं ‘नर्मदा’, इन नदियों की आध्यात्मिक विशेषताएं कौनसी हैं आदि प्रश्नों के उत्तर इस ग्रन्थ में दिए हैं ।

धर्म एवं राष्ट्र की हानि रोकने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति का ग्रंथ

‘लव जिहाद’ अर्थात हिन्दू स्त्री को प्रेमजाल में फंसाकर वेश्या या जिहादी बनाने का षड्यंत्र

सनातन की ग्रन्थमाला : स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन

स्वभावदोषों पर उपचारी सूचना, स्वसूचना बनाते समय ध्यान रखने योग्य सूत्र, स्वभावदोष-निर्मूलन प्रक्रिया अशिक्षित एवं अल्पशिक्षित व्यक्ति भी कर पाएं, इस हेतु उपयुक्त सूचना आदि के विषय में इस ग्रंथ में पढें ।

युगप्रवर्तक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के अलौकिक चरित्र से युक्त विशिष्ट ग्रंथमाला !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रथम ग्रंथ ‘अध्यात्मशास्त्र’ से अधिक मात्रा में चैतन्य प्रक्षेपित हो रहा है, यह दर्शानेवाली वैज्ञानिक जांच !

आज ही ‘डाउनलोड’ करें, सनातन के ‘ई-बुक’ स्वरूप में ग्रंथ !

स्वभावदोष (षड्रिपु)-निर्मूलनका महत्त्व एवं गुण-संवर्धन प्रक्रिया (अंग्रेजी), नामजप का महत्त्व (अंग्रेजी), त्योहार मनानेकी उचित पद्धतियां एवं अध्यात्मशास्त्र (हिन्दी)

‘सनातन दंतमंजन’ का औषधी उपयोग

सनातन दंतमंजन के नियमित उपयोग से मसूडे एवं दांत की दुर्बलता दूर होकर मसूडे और दांत मजबूत होते हैं । मसूडों की सूजन, उसमें से रक्त आना बंद होता है । दांतों की सडन रुककर दांतों का स्वास्थ सुधर जाता है, साथ ही दांत जड से मजबूत होते हैं ।

सनातन की ग्रन्थमाला :‘गुरु-शिष्य परम्परा’

गुरु, पितासे भी अधिक श्रेष्ठ क्यों हैं; विभिन्न विचारधाराओंके अनुसार गुरुके प्रकार क्या हैं; गुरु, सद्गुरु एवं परात्पर गुरु में क्या भेद (अंतर) है; साधकपर गुरुकृपा चरण-प्रति-चरण कैसे होती रहती है; ‘गुरुमन्त्र’ क्या होता है; उसे गुप्त रखना चाहिए, ऐसा क्यों कहा जाता है आदि प्रश्नोंका समर्पक उत्तर देनेवाला ग्रन्थ !