सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी संबंधी ग्रंथमाला

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजीकी गुरुसे हुई भेंट एवं उनका गुरुसे सीखना’ इस ग्रंथ मे पढिये सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजीके प्रथम ग्रन्थ ‘अध्यात्मशास्त्र’ से अधिक चैतन्य प्रक्षेपित होता है, यह दर्शानेवाला वैज्ञानिक परीक्षण

ग्रंथमाला : हिन्दू राष्ट्र-स्थापना

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में सम्मिलित हों !

सनातन की ‘योगतज्ञ दादाजी का चरित्र एवं सीख’ ग्रन्थमाला का प्रथम ग्रंथ

ऋषि-मुनियों समान तपस्या, सर्वज्ञता, लीलासामर्थ्य इत्यादि गुण विशेषताओं से युक्त अद्वितीय व्यक्तित्व अर्थात कुछ वर्ष पूर्व इस भूतल को अपने अस्तित्व से पावन करनेवाले योगतज्ञ दादाजी !

घोर आपातकाल आरंभ होने से पूर्व सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी द्वारा संकलित लगभग दो हजार से अधिक ग्रंथ शीघ्र प्रकाशित करने के लिए साधकों की आवश्यकता !

हिन्दू राष्ट्र कई हजार वर्ष टिकेगा; परंतु ग्रंथों का ज्ञान अनंत काल टिकनेवाला है । इसलिए जैसे हिन्दू राष्ट्र शीघ्र आना आवश्यक है, उतनी ही शीघ्रता, अपातकाल और तीसरे विश्वयुद्ध के आरंभ होने से पहले ग्रंथ प्रकाशित करने की है ।

आयुर्वेदानुसार आचरण कर बिना औषधियों के निरोगी रहें !

आयुर्वेदानुसार आचरण कर बिना औषधियों के निरोगी रहें ! बाढ, विश्वयुद्ध आदि आपदाओं में डॉक्टर, औषधि आदि की अनुपलब्धता की स्थिति में तथा सामान्यत: भी उपयुक्त !

आज ही ‘डाउनलोड’ करें, सनातन के ‘ई-बुक’ स्वरूप में ग्रंथ !

शीघ्र ही सनातन के अन्य ग्रंथ भी ‘ई-बुक’ रूप में उपलब्ध !