सेवानिवृत्ति निमित्त आयोजित समारोह में न्यायमूर्ति चित्तरंजन दास का वक्तव्य
कोलकाता – कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति चित्तरंजन दास २० मई २०२४ को सेवा से निवृत्त हुए । इस उपलक्ष्य में आयोजित उनके विदाई के समारोह में अपना मनोगत व्यक्त करते समय उन्होंने कहा कि, ‘मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य हूं । रा.स्व. संघ यदि मुझे किसी सहायता अथवा सेवा के लिए बुलाएगा, तो मैं संगठन में फिर से जाने के लिए सिद्ध हूं ।’
व्यस्तता के कारण रा.स्व. संघ से ३७ वर्ष दूर !
न्यायमूर्ति दास ने आगे कहा, ‘‘मैं रा.स्व. संघ का अत्यंत आदर करता हूं । संघ में रहकर ही मैं मैं बडा हुआ । मैंने रा.स्व. संघ में रहकर साहस, प्रामाणिकता, समभाव, देशभक्ति, कार्य के प्रति वचनबद्धता इत्यादि गुण आत्मसात किए । व्यस्तता के कारण लगभग ३७ वर्षों से मैं रा.स्व. संघ से दूर हूं । मैंने अपने कार्यकाल में पदोन्नति के लिए कभी संघ के नाम का उपयोग नहीं किया; क्योंकि ऐसा करना संघ के सिद्धांतों के विरूद्ध है । नौकरी में रहते हुए मैंने सभी से समान आचरण किया । प्रत्येक व्यक्ति मेरे लिए समान था । मैंने किसी से भेदभाव नहीं किया ।’’