बाजपेई युग से मोदी युग तक रहे बहुधा एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रप्रमुख !
माॅस्को (रूस) – व्लादिमीर पुतिन ने रशिया के राष्ट्रपतिपद की पांचवीं बार शपथ ली । माॅस्को के ‘ग्रैंड क्रेेमलिन पैलेस’ में ७ मई के दिन भारतीय समयानुसार दोपहर २:३० बजे उनका शपथ विधि समारोह हुआ । यह समारोह लगभग १ घंटा चला । इस कारण अब अगले ६ वर्ष वे इस पद पर रहेंगे । रशिया में मार्च माह में हुए मतदान में पुतिन को लगभग ८८% मत मिले थे । यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के कारण पुतिन के इस शपथविधि समारोह का पश्चिमी देशों ने बहिष्कार किया है । पुतिन ने वर्ष २००० में पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी । इसके उपरांत वे २००४, २०१२ और २०१८ में भी राष्ट्रपति बने । इन पहले के चुनावों में उन्हें ७७% मत मिले थे । इसका अर्थ यह है कि रशिया में उनकी लोकप्रियता और बढी है । वर्ष २०१८ में हुए शपथविधि समारोह में जर्मनी के पूर्व चान्सलर गेरहार्ड श्राॅडर उपस्थित थे । पुतिन के इस प्रदीर्घ कार्यकाल के कारण वे बाजपेई युग से लेकर मोदी युग तक रहे बहुधा एक मात्र अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्र प्रमुख होंगे ।
पुतिन वर्ष २०२६ तक रशिया के राष्ट्रपति रह सकते हैं !
रशिया के संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति सतत दो बार राष्ट्रपति नहीं हो सकता, लेकिन जनवरी २०२० में पुतिन ने संविधान सुधार द्वारा राष्ट्रपति पद की समय सीमा रद्द की । इसके लिए रशिया में सार्वजनिक मत भी लिए गए । जिसमें ६०% मतदारों ने हिस्सा लिया, जिसमें ७६% लोगों ने पुतिन के निर्णय का समर्थन किया । इस कारण पुतिन को वर्ष २०३६ तक राष्ट्रपति रहने का मार्ग आसान होने का कहा जा रहा है । इसी कारण पुतिन सोवियत यूनियन पर लगभग तीन दशक राज्य करनेवाले स्टॅलिन को पीछे छोड सकते हैं ।
पुतिन विश्व के सबसे धनी राजनेता !
‘फोर्ब्स’ के अनुसार व्लादिमीर पुतिन को वर्ष २०१३ से २०१६ की कालावधि में विश्व का सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्ति घोषित किया गया था । पुतिन को रूस के सबसे अधिक धनी व्यक्ति बताया जाता है, अर्थात इसको आधिकारिक समर्थन नहीं है । कुछ लोगों के मतानुसार वे विश्व के केवल सर्वाधिक धनी राजनेता ही नहीं, तो सर्वाधिक धनी व्यक्ति भी हैं ।