ध्यान रखें कि सब बच्चे पाठशाला ही जा रहे हैं न ! – राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग

उत्तर प्रदेश के अवैध मदरसे में ले जाए जा रहे ९५ बच्चों को मुक्त कराने का प्रकरण

आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो

न‌ई देहली – २६ अप्रैल को अयोध्या से सहारनपुर के अवैध मदरसे में ९५ अल्पवयस्क बच्चों को ले जाया जा रहा था । उस समय ‘उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार सुरक्षा आयोग’ ने बड़ी कार्यवाही करते हुए इन बच्चों को मुक्त कराया । इस घटना के पश्चात अब राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग ने देश के सभी मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि ६ से १४ वर्ष के सब बच्चे निकटवर्ती विद्यालयों में पढ़ने जाते हैं । ‘शिक्षा का अधिकार, नियम २००९’ के अनुसार यह बच्चों का मौलिक अधिकार है । आयोग ने यह पत्र देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजा है ।

आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि मंडल को जो जानकारी दी है, उसके अनुसार यह आदेश ३ म‌ई को जारी किया गया है । उसमें उन्होंने यह भी कहा है कि कहीं पर यदि अयोध्या की घटना की भांति बच्चों की तस्करी होती पाई जाए, तो ‘जुविनाइल जस्टिस एक्ट २०१५’ और भा.द.वि. अधिनियम ३७० के अनुसार संबंधित लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए । अपने क्षेत्र के सभी जिलाधिकारियों को दिशानिर्देश जारी करें कि ऐसी घटनाएं पुनः न हों । इसके लिए विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए । इसी प्रकार, इस आदेश के अनुपालन का प्रतिवेदन १५ दिनों के भीतर भेजने के लिए भी कहा गया है ।

संपादकीय भूमिका

जनता को लगता है कि अब केंद्र सरकार को देश के सभी मदरसों को बंद कर सभी बच्चों को देश के मुख्य प्रवाह से जोड़नेवाली शिक्षा देने का निर्णय लेना चाहिए !