पुलिस द्वारा गर्दन पर पैर रखने से एक व्यक्ति की दम घुटने से मौत !
वाशिंगटन (यूएसए) – यह पता चला है कि ओहियो राज्य में फ्रैंक टायसन नामक एक कृष्णवर्णीय व्यक्ति को अमेरिकी पुलिस ने मार डाला था। बताया जा रहा है कि यह घटना १८ अप्रैल को हुई थी और पुलिस के ‘बॉडीकैम’ (शरीर पर लगा कैमरा) द्वारा कैद किया गया एक वीडियो सामने आया है। टायसन की हत्या के बाद पुलिस की काफी आलोचना हो रही है।
वर्ष २०२० मधील #ICantBreathe
च्या घटनेची पुनरावृत्ती !भारत सरकार आणि संरक्षण यंत्रणा या मणीपूरमध्ये मानवाधिकारांचे हनन करत असल्याचा खोटा अहवाल देणार्या अमेरिकेला अशा घटनांवरून आता भारताने आरसा दाखवला पाहिजे !
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— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 27, 2024
५३ वर्षीय अश्वेत नागरिक फ्रैंक टायसन की चार पहिया गाड़ी बिजली के खंभे से टकरा गई। पुलिस ने जब उसका पीछा किया तो उन्हें जानकारी मिली कि टायसन पास के एक क्लब में है। उनके ‘बॉडीकैम’ ने एक पुलिसकर्मी को उनकी गर्दन पर पैर रखते हुए कैद कर लिया। उस वक्त टायसन कहते दिख रहे हैं, “मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही है।” पुलिस ने उसे जवाब दिया, “चुप रहो, तुम बिल्कुल ठीक हो।” इसके बाद टायसन ६ मिनट तक जमीन पर बेहोश पड़े नजर आते हैं। इसके बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर मेडिकल टीम मौके पर पहुंची, और उसे मृत घोषित कर दिया।
(सौजन्य: WTOL11)
साल २०२० में ‘मैं सांस नहीं ले सकता’ वाली घटना की पुनरावृत्ति !इस घटना के कारण साल २०२० में पुलिस द्वारा मारे गए जॉर्ज फ्लॉयड की घटना का जिक्र किया जा रहा है।उसकी गर्दन को भी पुलिस ने इसी तरह अपने घुटनों से पकड़ रखा था। उसका दम भी घुट रहा था और पुलिस से बार-बार कह रहा था ‘मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं।’ तब, अब की तरह, पुलिस ने उसको नजरअंदाज कर दिया और परिणामस्वरूप उसे अपनी जान गंवानी पड़ी। इस घटना के बाद पूरे अमेरिका में यह कहकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया कि तत्कालीन ट्रंप प्रशासन कृष्णवर्णीय के खिलाफ है। |
संपादकीय भूमिकाभारत को अब अमेरिका को आईना दिखाना चाहिए, जो झूठी रिपोर्ट कर रहा है कि भारत सरकार और रक्षा बल मणिपुर में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं ! |