वैश्विक जनसंख्या का परिणाम !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

‘किसी थाली में कीटक अत्यधिक बढ जाने पर उन्हें थाली में रखा भोजन पर्याप्त नहीं होता । इस कारण वे मर जाते हैं । यही अब पृथ्वी की स्थिति हो गई है । पृथ्वी की क्षमता ३०० करोड मानवों का पालन-पोषण करने की है । अभी पृथ्वी पर मानवों की संख्या ८०० करोड हो गई है । इस कारण घासलेट, पेट्रोल, गैस, पानी, भोजन ही नहीं, अपितु शुद्ध हवा भी मानव को आवश्यकता के अनुरूप नहीं मिलेगी । इससे बडी संख्या में मानवजाति नष्ट होगी ।’

✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक