Rajouri Terrorist Attack : राजौरी के आतंकवादी आक्रमण में ५ सैनिक वीरगति को प्राप्त !

  • २ सैनिकों की मृतदेह छिन्न-विच्छिन्न अवस्था में !

  • आतंकवादियों ने लूट लिए शस्त्रास्त्र !

श्रीनगर (जम्मु-कश्मीर) – कश्मीर के राजौरी में जिहादी आतंकवादियों ने २१ दिसंबर को दोपहर के लगभग पौने चार बजे सेना के वाहनों पर किए आक्रमण में ५ सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, तो २ सैनिक गंभीररुप से घायल हुए । उनपर चिकित्सालय में उपचार हो रहे हैं । भारतीय सेना के अधिकारियों ने दी जानकारी के अनुसार सैनिक और आतंकवादियों में आमने-सामने मुठभेड हुई । २ सैनिकों की मृतदेह छिन्न-विच्छिन्न अवस्था में पाई गई । आतंकवादियों ने सैनिकों के पास के शस्त्रास्त्र लूट लिए ।

यह आक्रमण राजौरी के थानमंडी-सुरनकोट मार्ग के डेरा की गली (डीकेजी) नामक परिसर में हुआ । सैनिकों को ले जानेवाले वाहन सुरनकोट और बाफलियाज की ओर जा रहे थे । यहां पर सुरक्षा दलों ने २० दिसंबर की रात में आतंकवादियों के विरुद्ध शोध अभियान प्रारंभ किया था । २१ दिसंबर को वहां अतिरिक्त सैनिक भेजे जा रहे थे । इन सैनिकों के वाहन पर यह आक्रमण हुआ ।

इस आक्रमण के पहले १९ दिसंबर की रात में पूंछ के सुरनकोट क्षेत्र की पुलिस छावनी में विस्फोट हुआ था । यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि पुलिस छावनी में खडे अनेक वाहनों के शीशे टूट गए ।

संपादकीय भूमिका 

‘यदि कोई कहे कि, ‘कश्मीर में अब आतंकवाद अल्प हुआ है’, तो ‘वह झूठ है’, ऐसा ही इस घटना द्वारा आतंकवादी बता रहे हैं । कश्मीर का आतंकवाद जड से उखाडने के लिए वहां के लोगों की जिहादी मानसिकता नष्ट हो, इसलिए प्रयत्न करना आवश्यक है !

२५० से ३०० आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने की तैयारी में !

सीमा सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुप्तचरों का हवाला देकर कुछ दिन पहले बताया था कि २५० से ३०० आतंकवादी पाकिस्तान सीमा पर लाँच पैड पर (प्रशिक्षित आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ करने के लिए एकत्रित लाने का स्थान) हैं । वे कश्मीर में घुसपैठ करने की तैयारी में हैं । सुरक्षा दलों को सतर्क किया गया है । सीमापार से किसी भी प्रकार का घुसपैठ करने का प्रयत्न विफल किया जाएगा ।

संपादकीय भूमिका 

पीछले अनेक वर्षाें से कुछ महीनों के उपरांत ऐसी जानकारी सामने आती रहती है । इसका अर्थ यही है कि भारतीय सेना द्वारा कितने भी आतंकवादी मारे जाए, तब भी पाकिस्तान में नए आतंकवादी निर्माण हुए होते हैं और वे कार्यवाहियां जारी रखते हैं । इसके लिए आतंकवादियों का कारखाना पाकिस्तान को ही नष्ट करना, एक ही उपाय है !