लंदन – भूटान के उत्तर क्षेत्र में चीन द्रुत गति से मूलभूत सुविधाएं विकसित कर रहा है । चीन एवं भूटान के मध्य सीमा विवाद का समाधान ढूंढने की चर्चा चल रही है । चीन भूटान को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहा है, उपाहारगृह के माध्यम से ऐसा चित्र सामने आया है । लंदन विश्वविद्यालय के प्राध्यापक रॉबर्ट बार्नेट ने कहा कि चीन को उत्तर भूटान नियंत्रित करना है । भविष्य में भूटान की जाकरलुंग घाटी चीन के नियंत्रण में जा सकती है ।
१. चीन जाकरलुंग घाटी में जो निर्माणकार्य कर रहा है, वे केवल चौकियां नहीं हैं । चीन यहां लोगों को स्थायी रूप से बसाना चाहता है । विशेषज्ञ डेमियन सायमन का कहना है कि यह भूटान नियंत्रित करने की चीन की महत्त्वाकांक्षा को दर्शाता है ।
२. इससे पूर्व भी चीन ने भूटान के अनेक क्षेत्रों में सडकें बनाने का प्रयास किया था । वर्ष २०१७ में चीन ने दक्षिण-पश्चिम डोकलाम में सडक बनाने का प्रयास किया था । यहां भारतीय सैनिकों से उनकी मुठभेड हुई थी । वास्तविक डोकलाम में चीन, भारत एवं भूटान, इन तीन देशों की सीमाएं हैं ।
भारत भूटान का सबसे बडा मित्र है
भूटान एवं भारत से पहले से ही निकटता रही है; परंतु भारत ने उसकी विदेश नीति में कभी भी हस्तक्षेप नहीं किया । ८ लाख जनसंख्या वाले भूटान ने अलगाववादी नीति अपना ली है ।
संपादकीय भूमिकाधूर्त चीन पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, नेपाल, म्यानमार, मालदीव एवं अब भूटान, भारत के इन सभी पडोसी देशों को स्वयं के जाल में फंसाकर भारत को अकेला करने का प्रयास कर रहा है । समय रहते सरकार को यह संकट पहचान कर चीन को उसकी ही भाषा में लताडना चाहिए ! |