हत्या के समय अल्पवयस्क होने से कारागार नहीं भेजा जाएगा !
पेरिस (फ्रान्स) – मोहम्मद पैगंबर का कथित रूप से अनादर करने पर फ्रान्स में १६ अक्टूबर २०२० को सैमुअल पैटी नाम के शिक्षक का मुसलमान विद्यार्थी ने सिर काट दिया था । इस प्रकरण में न्यायालय ने ६ लोगों को दोषी ठहराया है; परंतु उन्हें कारागार नहीं भेजा जाएगा । क्योंकि, सैमुअल पैटी की हत्या के समय ये सभी आरोपी १४-१५ वर्ष के थे । फ्रान्स के ‘यूथ कोर्ट’ ने उन्हें १४ महीने से २ वर्ष तक केवल निलंबन का दंड दिया है । यह एक ऐसी कानूनी व्यवस्था है, जिसमें किसी व्यक्ति का अपराध सिद्ध होने पर उसे कारावास का दंड नहीं दिया जाता है; परंतु यदि वह आगे निर्धारित कालावधि में कोई दूसरा अपराध करेगा, तो उस अपराध के लिए कारावास का दंड दिया जा सकेगा । अर्थात, दोषी बार-बार अपराध करेगा तभी दंडित हो सकेगा ।
संपादकीय भूमिकाऐसा कानून होने पर धर्मांध लोग विद्यार्थियों से ही जिहादी कृत्य करवाएंगे और ये अपराधी दंड-मुक्त रह कर अगला अपराध करने के लिए तैयार रहेंगे ! |