अरब देशों के नेताओं की बैठक में रखा प्रस्ताव !
रियाध (सऊदी अरेबिया) – इजरायल और हमास का युद्ध बढता ही जा रहा है । अंतरराष्ट्रीय दबाव होते हुए भी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्धविराम की मांग को अस्वीकार किया है । ऐसे में रियाध में ११ नवंबर को अरब देशों के नेताओं की बैठक में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने इजरायली सेना द्वारा गाजा में हमास के विरुद्ध की जा रही कार्यवाही की निंदा करते हुए इजरायली सेना को आतंकवादी घोषित करने की मांग की । अरब नेताओं को भय है कि यह संघर्ष अरब देशों में भी फैल सकता है ।
१. अरब लीग और इस्लामी सहयोग संगठन (ओआयसी) की आपातकालीन बैठक को संबोधित करते समय सऊदी अरेबिया के राजकुमार मुहंमद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरेबिया फिलिस्तीनियों के विरुद्ध हुए अपराधों के लिए इजरायली अधिकारियों को उत्तरदायी मानता है ।
२. तुर्किये के राष्ट्राध्यक्ष रजब तैयिब इर्दाेगान ने संमेलन को संबोधित करते समय कहा कि मानवाधिकारों की बाते करनेले पाश्चिमी राष्ट्र फिलिस्तीनी लोगों के नरसंहार पर मौन साधे हुए हैं । यह लज्जाजनक है । (लाखों कश्मीरी हिन्दुओं पर अनन्वित अत्याचार होकर भी तुर्किये कश्मीरी मुसलमानों का ही समर्थन क्यों करता है, इसपर इर्दाेगान को पहले बोलना चाहिए ! – संपादक)
३. फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मुहंमद अब्बास ने कहा कि इजरायल पर अमेरिका का बहुत प्रभाव है । इस संघर्ष पर राजनीतिक समाधान न निकलने के लिए अमेरिका ही सर्वाधिक उत्तरदायी है ।
तेल की आपूर्ति बाधित की जाने की अरब देशों द्वारा चेतावनी !ऐसी स्थिति में ही अल्जीरिया और लेबनान सहित कुछ देशों ने कहा कि गाजा में हो रहे आक्रमणों को देखते हुए हम इजरायल एवं उनके सहयोगी देशों को तेल की आपूर्ति खंडित कर सकते हैं । कुछ अरब देशों ने इजरायल के साथ आर्थिक तथा राजनीतिक संबंध तोडने का प्रस्ताव भी रखा । |
संपादकीय भूमिकाहमास के कृत्यों का समर्थन करनेवाले ईरान द्वारा ऐसा प्रस्ताव रखा जाना, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है ! |