राज कुंद्रा का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को परिवाद
मुंबई – कारागृह में बंदी (कैदी) सरेआम धूम्रपान करते हैं । जिससे कारागृह धुएं से भर जाता है तथा अन्य बंदियों को कष्ट होता है, ऐसा परिवाद उद्योगपति राज कुंद्रा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से पत्र द्वारा किया है । इस पत्र में कहा गया है कि, कारागृह में बंदियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है ।
परिवाद में राज कुंद्रा ने कहा है कि कारागृह में बंदियों की भीड है । यह बात सरकार स्वीकार करती है; परंतु उसका समाधान नहीं ढूंढती । जिस ‘बैरेक’ में ४९ बंदियों की जगह है, वहां २५० बंदी रखे गए हैं । सोते समय कोई हिल भी नहीं सकता । ऐसी परिस्थिति है । ‘नए बंदियों को भीड के बीच में सोने को कहा जाता है ।’ जुलाई २०२१ में अश्लील वीडियो की निर्मिति करने के कारण मुंबई पुलिस ने राज कुंद्रा को बंदी बनाया था । इस प्रकरण में कुंद्रा २ माह आर्थर रोड कारागृह में थे । वर्तमान में वे जमानत (प्रतिभू) पर कारागृह के बाहर हैं ।
संपादकीय भूमिकाभारत के कारागृहों की दुःस्थिति के विषय में बहुत जानकारी सामने आई है; परंतु उसमें सुधार करने के संदर्भ में सरकारी तंत्र द्वारा कृत्य नहीं हो रहा, यह शोकजन्य है ! |