गुवाहाटी (असम) – बिहार में जातिगत जनगणना किए जाने के उपरांत अब असम के ५ मूल आदिवासी मुसलमान समाज की (गोरिया, मोरिया, देसी, सैयद और जोल्हा) सामाजिक और आर्थिक स्थिति का ब्योरा लिया जाने वाला है । जिससे इस समाज के विकास के लिए कदम उठाए जा सकते हैं, ऐसा असम सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कहा गया है ।
असम में मुस्लिम समुदायों का सर्वे कराएगी हिमंत बिस्व सरमा सरकार, क्या बोली कांग्रेस?#Assam #HimantaBiswaSarma #BJP #muslim https://t.co/SeRUyVfsI3
— ABP News (@ABPNews) October 3, 2023
वर्ष २०२१ की जनगणना के अनुसार असम में मुसलमानों की जनसंख्या १ करोड ६ लाख थी । यह कुल जनसंख्या का ३४.२२ प्रतिशत था । वर्तमान में इसमें बढोतरी होकर यह ४०% से अधिक होने का अंदाजा है । वर्तमान में असम की जनसंख्या लगभग साढे तीन करोड है , जिसमें १ करोड ४० लाख मुसलमान हैं । असम में इस्लाम दूसरा सबसे बडा धर्म और सबसे गति से बढने वाला धर्म है । राज्य के ११ जिलों में ५२% से ९९% तक मुसलमान हैं । अन्य ८ जिलों में मुसलमानों की संख्या तेजी से बढी है । यह ध्यान में लेकर सरकार इन जिलों में मुसलमान का अल्पसंख्यक दर्जा वापस लेने का विचार कर रही है ।