चंद्रमा और सूर्य मुहिम के उपरांत भारत अब समुद्र में भेजने वाला है ‘समुद्रयान’ !

नई देहली – चंद्रमा और सूर्य मुहिम के उपरांत अब भारत समुद्र मुहिम चलाने वाला है । पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मंत्री किरेन रिजिजू ने ११ सितंबर को ट्वीट कर यह जानकारी दी । इसके लिए चेन्नई के ‘नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी’ में ‘समुद्रयान’ बनाया जा रहा है । इस समुद्रयान का नाम ‘मत्स्य ६०००’ रखा गया है ।

(सौजन्य : Times Of India) 

इस यान का व्यास २.१ मीटर है । यह १२ घंटे के लिए ३ व्यक्तियों को समुद्र में ६ सहस्र मीटर गहराई तक ले जा सकता है, जिससे वहां के स्रोत और जैव विविधता का अध्ययन किया जा सकेगा । यह मुहिम वर्ष २०२६ तक कार्यान्वित हो सकती है । इसके लिए लगभग ४ सहस्र १०० करोड रुपए खर्च आएगा । समुद्रयान की सफलता के उपरांत भारत अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और चीन जैसे देशों की सूची में सहभागी हो जाएगा । इन देशों के पास ऐसी मुहिम के लिए विशेष तकनीक और वाहन उपलब्ध हैं ।

१. रिजिजू ने कहा कि इस परियोजना से समुद्र की कोई भी हानि नहीं होगी । समुद्र की गहराई में क्या छुपा है ? यह खोजा जाएगा । इस माध्यम से अनेक लोगों को रोजगार मिलेगा ।

. समुद्रयान का उद्देश्य समुद्र की गहराई की खोज और दुर्लभ खनिजों का उत्खनन करने के लिए पनडुब्बी के माध्यम से व्यक्ति को भेजना, यह है । सामान्यतः पनडुब्बी केवल ३०० से ४०० मीटर तक जाती है । समुद्रयान समुद्र की गहराई में गैस, कोबाल्ट क्रस्ट जैसे संसाधनों की खोज करने के लिए भेजा जा रहा है । ये सभी बातें समुद्र की १ सहस्र से ५ सहस्र ५०० मीटर गहराई में मिलती हैं ।