(और इनकी सुनिए….) ‘मणिपुर हिंसा धार्मिकता के कारण नहीं हुई !’ – अमेरिकी संगठन का निष्कर्ष 

हिंसा के पीछे विदेशी हाथ होने की बताई गई थी संभावना !

नई देहली – ‘मणिपुर हिंसा धर्म के आधार पर नहीं हुई’, ऐसा निष्कर्ष अमेरिका की एक संस्था ने निकाला है । ‘स्थानीय जातियों में एक दूसरे पर अविश्वास, आर्थिक परिणाम का डर, नशीले पदार्थ, अलगाववाद और इतिहास में हुई घटना का हिंसा से संबंध है’, ऐसा ‘फाऊंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोर स्टडीज’ के ब्योरे में कहा गया है । ‘इस हिंसा के पीछे विदेशी हाथ होने की बात नकारी नहीं जा सकती’, ऐसा भी ब्योरे में बताया गया है ।

ब्योरे के प्रमुख सूत्र –

. केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार राज्य में शांति निर्माण करने के लिए और हिंसाग्रस्त लोगों की सहायता के लिए समस्त प्रयास कर रही है ।

. कुछ अलगाववादी और कट्टरतावादी संगठनों को इस हिंसा के कारण सक्रिय होने का अवसर मिला । अफीम और हीरोइन की तस्करी करने वाले माफियाओं ने इस हिंसा के लिए आर्थिक सहायता की ।

३. पिछले सप्ताह हिंसा में कमी आई है; लेकिन लोगों में अभी भी अविश्वास का वातावरण है । विस्थापित हुए लोग अभी भी उनके मूल स्थान पर वापस नहीं आ सकते, ऐसी स्थिति है । शांति निर्माण करने के लिए विश्वास निर्माण करने की, साथ ही पुनर्वसन का काम करने की आवश्यकता है ।

 संपादकीय भूमिका

  • मणिपुर में हिन्दू मैतेई समाज को ईसाई कुकी समाज द्वारा न्यायालय का आदेश होते हुए भी ‘अनुसूचित जनजाति’ का दर्जा दिए जाने का विरोध करने से यह हिंसा हुई है, यह जगजाहिर है; लेकिन अमेरिकी ईसाई यह जानबूझकर नकारने का प्रयास कर रहे हैं, यह ध्यान में लें !
  •  विदेशी हाथ की संभावना होने का आधार धर्म ही है, यह भी ध्यान समझना चाहिए । मैतेई हिन्दू समाज को विदेश से सहायता न मिलकर ईसाई कुकी समाज को म्यानमार से हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं, यह भी बात उजागर हुई है ।