सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘मंदिर भक्तों के पास ही रहने चाहिए, तभी भगवान की सेवा भावपूर्ण होगी । सरकारीकरण के कारण मंदिर में भगवान की सेवा भावपूर्ण नहीं होती तथा जैसा सरकार में किया जाता है, वैसा ही भ्रष्टाचार मंदिर में भी किया जाता है । इससे भगवान मंदिर से चले जाएंगे और भक्तों को मंदिर में जाने का लाभ नहीं मिलेगा।
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक