कोरोना महामारी के काल में लोग भयग्रस्त थे । सर्वत्र ही वैसा वातावरण था, तब भी मेरा व्यवसाय भली-भांति चल रहा था । मेरा ऐसा भाव है कि ‘मेरा व्यापार गुरुदेवजी का है ।’ साधना मैं अपने लिए कर रहा हूं । कोरोना के काल में मेरा व्यवसाय ठीक से चल रहा था । मेरे किसी भी कर्मचारी कोरोना से बाधित नहीं हुआ । इसप्रकार विविध प्रसंगों में मैंने वास्तव में साधना की शक्ति अनुभव की है । साधना का बल अत्यंत प्रभावी है । साधना ही अपने साथ-साथ कुटुंब, उद्योग एवं अपना कार्यक्षेत्र, इन सभी को सुरक्षित रखती है । मेरे २ कर्मचारियों ने ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त किया है । यह ध्यान में रख सभी नामजप, सत्संग, सत्सेवा, सत् के लिए त्याग करना, स्वयं के दोष एवं अहं निर्मूलन के लिए प्रयत्न करना, सतत ईश्वर के अनुसंधान में रहना, इसप्रकार साधना के प्रयत्न आचरण में लाएं । प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र में कार्य करे; परंतु उसके साथ साधना करे, ऐसे उद्गार सनातन संस्था के धर्मप्रचारक झारखंड के पू. प्रदीप खेमका ने किए । वे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के तृतीय दिन (१८.६.२०२३ को) उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे ।