हिन्दुत्व का नाश करने वालों का वैचारिक प्रतिकार करना आवश्यक !

हिन्दू धर्म स्वीकारने वाली मेगन ऑरिट्ज का वक्तव्य

न्यूयॉर्क – अमेरिका की परिचारिका मेगन ऑरिट्ज ने हिन्दू धर्म स्वीकार किया है । ‘पॉलिटिकली परफेक्ट’ इस यूट्यूब चैनल पर उनका वार्तालाप प्रसारित हुआ है । जिसमें उन्होंने हिन्दू धर्म स्वीकार करने के पीछे उनकी विचार प्रक्रिया और अनुभव बताए हैं । अमेरिका में ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ (विश्व स्तर पर हिन्दुत्व का नाश) इस विषैले कार्यक्रम द्वारा हिन्दू विरोधी विचारधारा वाले और बुद्धिवादियों की ओर से हिन्दू धर्म पर निचले स्तर पर जाकर टिप्पणियां की जा रही हैं । इस पृष्ठभूमि पर हिन्दू धर्म का महत्व बताने वाला यह वार्तालाप सामाजिक संकेतस्थलों पर बडी मात्रा में प्रसारित हुआ है । ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ इस कार्यक्रम द्वारा हिन्दुओं को चुप करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है । इसका वैचारिक प्रतिकार करना आवश्यक है, ऐसा भी उन्होंने कहा ।

(सौजन्य : पोलिटिकली परफेक्ट)

हिन्दू धर्म और ईसाई धर्म में मूलभूत भेद बताते हुए उन्होंने कहा कि, ईसाई धर्म में प्रश्न पूछने पर मनाही है; लेकिन हिन्दू धर्म में ऐसा नहीं है । भक्तों को होने वाली शंका वह पूछ सकते हैं ।

ओम का जाप करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है !

ऑरिट्ज ने कहा कि १९ वर्ष की आयु में मेरी मां का निधन हो गया । उस समय मैं नशीले पदार्थों का सेवन करने लगी थी । उस समय मेरे दादा और दादी ने मेरे उज्जवल भविष्य के लिए वियतनाम स्थित शिव मंदिर में प्रार्थना की थी । ईसाई होते हुए भी उन्होंने हिन्दुओं के देवताओं के समक्ष प्रार्थना की थी । इस घटना का मेरे ऊपर गहराई तक परिणाम हुआ और मैं हिन्दू धर्म का अध्ययन करने लगी । इसके उपरांत मैं देवता को प्रार्थना करने लगी । मैं हिन्दू न होते हुए भी भगवान शिव ने मेरा ध्यान रखा और मेरा रक्षण किया । इसके उपरांत मैं ‘ओम’ का जप करने लगी । इस कारण मेरे जीवन में सकारात्मक बदलाव हुए।

संपादकीय भूमिका

कहां हिन्दू धर्म का अध्ययन कर उसे स्वीकार करने वाले अन्य पंथी, तो कहां धर्म शिक्षा के अभाव में लालच में पडकर हिन्दू धर्म त्यागने वाले मतभ्रष्ट हिन्दू !