नई देहली – भोपाल में वर्ष १९८४ में हुई गैस रिसाव दुर्घटना के पीडितों को अतिरिक्त क्षतिपूर्ति देने की मांग करनेवाले निर्णय पर प्रविष्ट पुनर्विचार याचिका सर्वाेच्च न्यायालय ने अस्वीकार की । वर्ष २०१० में यह याचिका प्रविष्ट की गई थी । वर्ष १९८९ में घटनापीठ ने निर्णय देते हुए पीडितों को ७२५ करोड रुपयों की क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया था । इसके अतिरिक्त ६७५ करोड ९६ लाख रुपए देने की मांग के लिए याचिका प्रविष्ट की गई थी । यह याचिका केंद्र सरकार द्वारा वर्ष २०१० में प्रविष्ट की गई थी । घटनापीठ के सामने गैस रिसाव के लिए उत्तरदायी डाऊ केमिकल्स ने न्यायालय द्वारा बताई गई राशि से अतिरिक्त १ रुपया भी देने से मना किया था ।
Supreme Court rejects Centre's curative plea for enhanced compensation for the victims of the 1984 Bhopal Gas tragedy from US-based firm Union Carbide Corporation, now owned by Dow Chemicals. pic.twitter.com/bYaCN0VIBg
— ANI (@ANI) March 14, 2023
१. पांच न्यायमूर्तियों के पीठ ने याचिका अस्वीकार करते हुए कहा कि निर्णय होने के २ दशकों के उपरांत प्रविष्ट याचिका का कोई महत्त्व नहीं है । २ दशकों के उपरांत इस विषय में सूत्र उठाने के तर्क पर हम अप्रसन्न हैं ।
२. केंद्र सरकार ने दावा किया कि जिस समय न्यायालय ने क्षतिपूर्ति की राशि निश्चित की थी, तब पीडितों की संख्या २ लाख ५ सहस्र थी; परंतु इसमें वृद्धि होकर वह ५ लाख ७४ सहस्र हुई । इसलिए क्षतिपूर्ति की राशि बढाने की मांग की गई ।