उत्तर प्रदेश विधानसभा ने ६ पुलिसवालों को सुनाया १ दिन के कारावास का दंड !

१९ वर्ष पहले हुए विशेषाधिकार भंग का प्रकरण

पुलिस

लक्ष्मणपुरी – उत्तर प्रदेश की विधानसभा में भाजपा के तत्कालीन विधायक सलील बिश्नोई ने १९ वर्ष पूर्व विधायकों का विशेषाधिकार भंग होने के प्रकरण में शिकायत की थी । इस पर सुनवाई होने के पश्चात इस प्रकरण में विधायकों से असभ्य वर्तन करनेवाले ६ पुलिसवालों को एक दिन के कारावास का दंड सुनाया गया है ।

अ. १५ सितंबर २००४ के दिन कानपुर में बार-बार विद्युत आपूर्ति बाधित होने के प्रकरण में जिलाधिकारी को निवेदन देने के लिए विधायक बिश्नोई एक प्रतिनिधीमंडल के साथ जिलाधिकारी कार्यालय गए थे ।

आ. रास्ते में उन्हें पुलिसवालों ने रोका और उनमें शाब्दिक झगडा हुआ । उस समय पुलिसवालों ने बिश्नोई के साथ गाली गलौज करते हुए मारपीट की । इस पर बिश्नोई ने विधायक का विशेषाधिकार भंग होने के प्रकरण में अक्टूबर २००४ में विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष से इस विषय की शिकायत की थी । उस समय यह प्रकरण विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को सौंपा गया था ।

इ. २७ जुलाई २००५ में विशेषाधिकार समिति ने विधायक का अपमान होने के प्रकरण में तत्कालीन पुलिस अधिकारी अब्दुल समद को कारावास का दंड देने का तथा श्रीकांत शुक्ला, उपनिरीक्षक त्रिलोकी सिंह, हवलदार छोटे सिंह, विनोद मिश्रा और मेहरबान सिंह को विधानसभा में बुलाकर चेतावनी देने का प्रस्ताव पारित किया था । किसी कारणवश यह प्रकरण आगे नहीं बढ सका । (यह प्रकरण आगे क्यों नहीं बढा, इसकी जानकारी सामान्य जनता को मिलनी चाहिए ! – संपादक)

ई. अब उसी प्रकरण में संबंधित लोगों को १ दिन के कारावास का दंड दिया गया है ।