महिलाओं को मासिक धर्म (पीरियड) के समय छुट्टी मिलने की मांग करनेवाली याचिका उच्चतम न्यायालय ने वापस कर दी

याचिकाकर्ता को सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय से संपर्क करने का आदेश

नई देहली – नौकरी करने वाली महिला और छात्राओं को पीरियड के दौरान छुट्टी की मांग करने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय ने २४ फरवरी के दिन निरस्त कर दी । देहली में रहने वाली शैलेंद्रमणि त्रिपाठी ने यह याचिका प्रविष्ट की थी ।

सुनवाई के समय मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड ने कहा कि, यह प्रकरण सरकारी नीति से संबंधित है । इस कारण याचिकाकर्ता को इस प्रकरण पर सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय से संपर्क करना चाहिए ।

त्रिपाठी ने इस याचिका में कहा था कि, पीरियड के समय महिला और छात्राओं को अनेक शारीरिक और मानसिक अडचनों का सामना करना पडता है । इस कारण उन्हें छुट्टी देनी चाहिए और ऐसा आदेश न्यायालय को देना चाहिए ।

अनेक देशों में दी जाती है छुट्टी !

इस प्रकार की छुट्टी चीन, जापान, इंगलैंड, वेल्स, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जाम्बिया इन देशों में दिए जाने का संदर्भ याचिकाकर्ता ने याचिका में किया था ।