ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन को शस्त्रों की आपूर्ति करने का निर्णय लेने के उपरांत, रूस ने की कड़ी आलोचना !
मास्को (रूस) – ब्रिटेन ने भारत पर शासन करते हुए भारत से ४५ खरब डॉलर के संसाधन लूटे । उसी के बल पर ब्रिटेन धनवान बना। १८८० से १९२० की कालावधि में भारत में अनुमानित १०० करोड़ लोग ब्रिटिश औपनिवेशिक नीतियों के बली चढे थे । यह काल भारत पर ब्रिटिश शासन का चरम बिन्दु था एवं इस काल में भारतीय जनता को भारी कष्ट सहने पडे, रूस ने ऎसे कटु शब्दों में ब्रिटेन की आलोचना की है । रूस ने यह आलोचना ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन को शस्त्रों की आपूर्ति करने के निर्णय के उपरांत की है । रूस ने कहा है कि भारत के संबंध में जो आंकड़े प्रदान किए हैं, वे आर्थिक मनोविज्ञान जेसन हिकेल और डायलन सुलिवन के एक अध्ययन पर आधारित हैं ।
१. रूसी विदेश मंत्रालय द्वारा प्रसारित एक वक्तव्य में उल्लेख किया है कि १८८० के दशक में भारत की मृत्यु दर प्रति १,००० पर ३७.२ थी। १९१० के दशक में यह बढ़कर ४४.२ हो गई। इस कालावधि में भारतीयों की जीवन प्रत्याशा २६.७ वर्ष से घटकर २१.९ वर्ष रह गई । वर्ष १९४३ में ब्रिटिश प्रायोजित मानव जनित अकाल के कारण तत्कालीन बंगाल में लाखों भारतीयों की मृत्यु हो गई थी । वह मानवीय आपदा तत्कालीन ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णयों का प्रत्यक्ष परिणाम थी । वह बहुधा तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के निर्णयों के कारण था । चर्चिल ने ब्रिटेन की आवश्यकताऒं को पूरा करने के लिए भारत से खाद्यान्न का एक बड़ा भंडार मंगवाया । परिणामस्वरूप अनुमानित ३० लाख भारतीयों की मृत्यु हो गई ।
How Britain stole $45 trillion from India And lied about it.
By @jasonhickel, Professor at the Institute for Environmental Science and Technology @ICTA_UAB
https://t.co/Kru4XVjrTG— ICTA-UAB (@ICTA_UAB) January 15, 2023
२. इस वक्तव्य के साक्ष्य में रूस ने ब्रिटेन की नस्लवादी नीति, ‘विंस्टन चर्चिल भारतीयों के बारे में वास्तव में क्या सोचते थे ?’ का उल्लेख किया है । यह उल्लेख किया गया है कि ‘चर्चिल की औपनिवेशिक नीतियों के कारण भारत में भारी मानवीय आपदा आई’।
३. रूस ने प्रसिद्ध भारतीय अर्थशास्त्री उत्सा पटनायक का उल्लेख करते हुए कहा, “ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत से अनुमानित ४५ खरब डॉलर की संपत्ति लूटी ।”
संपादकीय भूमिकासरकार को अब इस सम्पदा को वापस लेने का प्रयास करना चाहिए ! |