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नई देहली : विदेशी प्रतिष्ठान द्वारा संचालित सामाजिक माध्यम ‘ट्विटर’ ने अन्य एक सामाजिक माध्यम ‘कू’ का खाता बंद किया है । यह खाता लोगों की समस्याएं रखने के लिए चलाया जाता था । ट्विटर ने इससे पूर्व ही ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘वॉशिंग्टन पोस्ट’, ‘सी.एन्.एन्.’, सहित अनेक प्रमुख समाचारपत्रों तथा समाचारवाहिनियों के पत्रकारों के खाते बंद किए थे ।
Twitter suspends Koo's account amid its suspension spree https://t.co/jkc800tisM
— Republic (@republic) December 17, 2022
१. ‘कू’ का खाता बंद किए जाने के विषय में ‘कू’ के सह-संस्थापक तथा मुख्य कार्यकारी अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, ‘‘हमारा खाता क्यों बंद किया गया है ?, यह हमें ज्ञात नहीं है । इस विषय में ट्विटर ने हमें सूचित नहीं किया है । उन्होंने एक ट्वीट कर ‘कू’ का खाता बंद किए जाने की जानकारी दी है; क्योंकि हमारी ‘ट्विटर’ से स्पर्धा है ? यह किस प्रकार की भाषण की स्वतंत्रता है तथा हम किस विश्व में रह रहे हैं ? एलॉन मस्क, यहां यह क्या चल रहा है ?’’
One of the Koo handles on Twitter just got banned. For what?! Because we compete with Twitter? So? Mastodon also got blocked today. How is this free speech and what world are we living in?
What's happening here @elonmusk? @katienotopoulos @tculpan @PranavDixit @aubreyhirsch pic.twitter.com/av5KkkBqsV
— Aprameya 🇮🇳 (@aprameya) December 16, 2022
२. पिछले माह में ही ‘कू’ के सह-संस्थापक मयंक बिद्वतका ने बताया था कि ‘कू’ अब विश्व का दूसरा सबसे बडा सामाजिक माध्यम बन गया है ।
३. ‘कू’ के जालस्थल पर दी गई जानकारी के अनुसार भारत के अतिरिक्त अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, कैनडा, नाइजेरिया, संयुक्त अरब अमिरात, अल्जेरिया, नेपाल, इराणसहित २०० से अधिक देशों में ‘कू’ का उपयोग किया जा रहा है । वर्ष २०२० में बेंगलुरू के ‘बौंबीनेट टेक्नालॉजिस प्रा.लि.’ प्रतिष्ठान ने ‘कू’ की प्रणाली तैयार की है ।
संपादकीय भूमिकाअन्य समय पर भाषण की स्वतंत्रता के विषय में बोलनेवाले अब मौन क्यों हैं ? सरकार को ‘ट्विटर’ की इस मनमानी के विषय में उससे स्पष्टीकरण पूछना चाहिए ! |