‘लिट्टे’ द्वारा तमिलनाडू में पांव जमाने का प्रयास

  • बडे राजनीतिज्ञों को अर्थपूर्ति के लिए लक्ष्य करने का प्रयास

  • अनेक स्थानों पर शस्त्रास्त्रों के कारखाने खडे किए !

चेन्नई (तमिलनाडू) – श्रीलंका में ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम’ (लिट्टे) संगठन तमिलनाडू में पांव जमाने का प्रयास कर रहा है । उसने राज्य में अनेक स्थानों पर शस्त्रास्त्रों के कारखाने खडे किए हैं, राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र (एन.आइ.ए.) को ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है । इस संगठन द्वारा राज्य के बडे राजनितिज्ञों एवं व्यावसायियों को अर्थपूर्ति करने हेतु लक्ष्य करने का प्रयास किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है । एन.आइ.ए. ने इससे पूर्व मिली जानकारी के अनुसार कुछ स्थानों पर छापे मारे थे ।

१. तमिलनाडू पुलिस ने १९ मई को सेलम जिले के सेवापेट से नवीन मुथू तथा संजय प्रकाश नामक २ युवकों को नियंत्रण में लिया था । उनके पास से पिस्तौल, गन पाउडर, कुछ शस्त्र तथा विस्फोटक नियंत्रण में लिए गए हैं । ये दोनों युवक लिट्टे संगठन के लिए काम करते थे, अन्वेषण में यह बात सामने आई । तत्पश्चात यह प्रकरण एन.आइ.ए.को सौंपा गया ।

२. एन.आइ.ए. की उनकी जांच से श्रीलंका में आर्थिक संकट आने से लिट्टे द्वारा उसका काम भारत में आरंभ करने की जानकारी सामने आई है । पूर्व में श्रीलंका में शस्त्र बनाए जाते थे; परंतु अब स्थानीय लोगों की सहायता से तमिलनाडू में ही वे बनाए जा रहे हैं ।

३. लिट्टे अपने सदस्यों को जंगल में टिके रहने हेतु प्रशिक्षण दे रहा है । तमिलनाडू में छापामारी में जंगल में रहते समय जीवित रहने के लिए उपयोगी सामग्री तथा जंगली बीजों से बनाया गया विष भी पाया गया । यह विष लिट्टे के सदस्यों के पास सदैव रहता है, जिससे यदि किसी कारणवश पुलिस अथवा अन्वेषण तंत्र के हाथ लगने पर वे सदस्य यह विष खाकर प्राणत्याग कर सकते हैं ।

४. एन.आइ.ए. की छापामारी में वर्ष २००९ में मारा गया लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन पर लिखी गई पुस्तकें, छायाचित्र तथा अनेक आपत्तिजनक सामग्री पाई गई । तमिलनाडू में अनेक बडे राजनीतिज्ञ तथा उद्योगपतियों की सूची मिली । ऐसे कुछ कागजपत्र भी प्राप्त हुए थे, जिनसे दिखाई दिया कि इस सूची में समाविष्ट नेतागण लिट्टे के लक्ष्य पर थे ।